पुष्कर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि महिलाओं के जीवन में चाहे जितनी भी चुनौतियां आए, वे हर चुनौती को मात देकर आगे बढना बखूबी जानती हैं। उन्होंने कहा कि एक महिला होने के नाते मेरे सामने भी कई चुनौतियां आती हैं, तब आप जैसी साहसी और ऊर्जावान महिलाओं को देखकर ही मुझे आगे बढने का हौसला मिलता है।
राजे बुधवार को अजमेर में क्षत्राणियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि मैं 36 की 36 कौम को साथ लेकर चलती हूं, लेकिन महिलाओं के बीच आकर मेरी हिम्मत और हौसला दोगुना हो जाता है। आपका साथ मुझे एक नई ऊर्जा देता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान का इतिहास तो वीरांगनाओं की गाथाओं से भरा पड़ा है। यहां की महिलाओं ने मातृभूमि के लिए अपना सिर तक काटकर अर्पित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने एक महिला को सौ कार्यकर्ताओं के बराबर बताते हुए कहा कि बिजली जब चमकती है तो आकाश बदल देती है, आंधी जब उठती है तो दिन-रात बदल देती है। धरती जब दरकती है तो सीमांत बदल देती है, और नारी जब गरजती है तो इतिहास बदल देती है।
राजे से मुलाकात के दौरान महिलाओं ने वहां मौजूद पुरुषों को बाहर जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की मीटिंग में पुरूषों का क्या काम। इस दौरान जब सुरक्षाकर्मी अंदर खड़े रहे तो मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भी इन सब महिलाओं की तरह एक महिला ही हूं। मुझे इनसे किस बात का खतरा है। यह कहकर उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों को भी बाहर भेज दिया।
मुख्यमंत्री ने इसके बाद राजपूत समाज की महिलाओं से काफी देर तक खुलकर बातचीत की। उनसे उनके दुःख-दर्द जाने और कहा कि वे न केवल मुख्यमंत्री के रूप में बल्कि एक आम महिला के रूप में भी हमेशा उनके साथ खड़ी हैं। जब भी उन्हें कोई बात कहनी हो, उनके दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले हैं।
राजे से अपने विचार साझा कर राजपूत समाज की महिलाएं भावुक हो उठीं। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने इस तरह उनसे संवाद कर उनकी तकलीफों को जाना है। कार्यक्रम की संयोजिका प्रेरणा शेखावत ने इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने एससी मोर्चा तथा अल्पसंख्यक मोर्चा के सम्मेलनों में भी शिरकत की। राजे ने पुष्कर सरोवर के घाट पर तथा कोटेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना भी की।
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