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प्रतिदिन सिर्फ 9 यात्री ढोने को शुरू किया किशनगढ एयरपोर्ट? - Sabguru News
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प्रतिदिन सिर्फ 9 यात्री ढोने को शुरू किया किशनगढ एयरपोर्ट?

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प्रतिदिन सिर्फ 9 यात्री ढोने को शुरू किया किशनगढ एयरपोर्ट?

अजमेर। अजमेर संसदीय सीट को लेकर हो रहे उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों जीत के लिए एडी से चोटी तक का जोर लगाए हुए है। दोनों तरफ से राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप भी का सिलसिला जारी है। विकास का दंभ भर रही भाजपा पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार की खोखली घोषणाओं के कारण पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के प्रयासों से 161 करोड रुपए की लागत और 441 एकड़ जमीन पर बना किशनगढ़ एयरपोर्ट अब खेल के मैदान में तब्दील हो गया है।

प्रतिदिन 3600 यात्रियों के आवागमन की क्षमता वाले एयरपोर्ट से महज 9 यात्री प्रतिदिन सफर कर रहे हैं। इससे भाजपा के खोखले दावों की पोल खुल रही है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन के हवाले से प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने कहा कि अजमेर संसदीय सीट के उपचुनाव की आहट से भयभीत भाजपा ने मतदाताओं को गुमराह करने और झूठी वाहवाही लूटने के लिए 11 अक्टूबर 2017 को आनन फानन में किशनगढ़ एयरपोर्ट का उद्घाटन कर दिया।

फीता काटने वालों में नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा एवं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खुद शामिल थी, किंतु भाजपा की जुमलेबाजी की प्रवृत्ति के अनुकूल ही सौ दिन बीत जाने के बाद भी किशनगढ़ एयरपोर्ट से हवाई यातायात के नाम पर केवल 9 यात्री ही प्रतिदिन उड़ान भर पा रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन का आरोप लगाते हुए कहा कि सच यह है कि भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार अपनी साख बचाने के लिए येन केन प्रकारेण अजमेर से उदयपुर की प्रतिदिन एकमात्र उड़ान का संचालन किया जा रहा है। अति लघु क्षमता वाले इस सी 69 वायुयान से अधिक की सुविधा नहीं मिल रही।

उन्होंने कहा कि यह हास्यपद है कि लगभग 161 करोड रुपए लागत और 441 एकड़ जमीन होने के बावजूद प्रति घंटे 150 यात्रियों की क्षमता वाले किशनगढ़ एयरपोर्ट से केवल 9 यात्रियों की एकमात्र फ्लाइट का संचालन किया जा रहा है।

एयरपोर्ट की क्षमता पूर्ण उपयोग नहीं किए जाने के कारण 141 एकड़ भूमि बेकार होकर खेल मैदान में तब्दील होती जा रही है। एयरपोर्ट की चेक इन काउंटर एक्स-रे स्क्रीनिंग मशीन, 150 वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग तथा 2700 वर्ग का एक यात्री टर्मिनल भवन जर्जर होना प्रारंभ हो चुका है।

जैन ने कहा है कि दुखद तथ्य यह है कि 9 यात्रियों की सुरक्षा के लिए हाडीरानी बटालियन सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों के 150 सुरक्षाकर्मी ड्यूटी पर तैनात हैं तथा एयरपोर्ट अथॉरिटी के लगभग 80 कार्मिक 24 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं।

डीजीसीए द्वारा 50 सीटर फ्लाइट के संचालन की अनुमति 3 माह पहले ही जारी की जा चुकी है इसके बावजूद सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण कमजोर लघु क्षमता वाले 9 सीटर जहाज का ही संचालन किया जा रहा है। यह अजमेर की जनता के साथ भाजपा का धोखा नहीं तो और क्या है।

किशनगढ़ एयरपोर्ट के जरिए अजमेर से दिल्ली की महत्वपूर्ण उड़ानें मात्र एक जुमला बनकर रह गई हैं। अनेक निजी कंपनियों ने अजमेर से दिल्ली की उड़ान के लिए नागरिक उड्डयन विभाग में आवेदन पिछले कई दिनों से किया हुआ है, लेकिन विभाग में मंत्री जयंत सिन्हा की अनदेखी के चलते इन उड़ानों को मंत्रालय द्वारा मंजूरी नहीं दी जा रही है।

राज्य सरकार एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा किशनगढ़ से दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, शिमला की नियमित उड़ानों का वादा उद्घाटन के सौ दिन बाद भी खोखला नजर आ रहा है।

शहर कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती के अनुसार एयरपोर्ट की सुरक्षा, कार्मिक व्यय और रखरखाव पर प्रतिदिन 5 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं, जबकि नियमित उड़ान के अभाव में केवल 18 हज़ार रोजाना की आमदनी एयरपोर्ट अथॉरिटी को हो रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि आम नागरिक भले ही हवाई यात्रा से अभी तक महरूम हैं लेकिन अजमेर के मंत्री वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, सुरेश रावत, शत्रुघ्न गौतम, भागीरथ चौधरी, सुशील कंवर पलाड़ा अपने करीबी मित्रों सहित 24 अक्टूबर 2017 को निशुल्क हवाई सैर-सपाटे का आनंद ले चुके हैं।

इससे भी विचारणीय बिंदु यह है कि दिल्ली से किशनगढ़ हवाई सैर-सपाटे का आनंद उठाने के लिए इन सभी मंत्रियों और विधायकों को अजमेर से दिल्ली की यात्रा बस एवं ट्रेन से करने को विवश होना पड़ा।

इससे प्रतीत होता है कि जुमलेबाजी में माहिर भारतीय जनता पार्टी अपनी घोषणाओं में विफल होने के बाद इस प्रकार का पाखण्ड करके अपने विधायकों को ही दिल्ली से अजमेर की यात्रा करा कर देश के विभिन्न महानगरों से अजमेर को हवाई यात्रा से जोड़ने की घोषणाओं पर पर्दा डालना चाहती है।