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ऑनलाइन दवा बिक्री के खिलाफ अजमेर में केमिस्टों की हड़ताल

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ऑनलाइन दवा बिक्री के खिलाफ अजमेर में केमिस्टों की हड़ताल

अजमेर/नई दिल्ली। अखिल भारतीय केमिस्ट एवं ड्रग्सिस्ट संगठन (एआईओसीडी) ने दवाइयों की अानलाइन बिक्री के खिलाफ आज पूरे भारत में एक दिन की हड़ताल के चलते अजमेर में भी दवा की दुकाने बंद रहीं।

केंद्र सरकार द्वारा ई-फार्मेसी को नियमित करने के खिलाफ शुक्रवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुबह से केमिस्ट की दुकानें नहीं खुलीं। दवा दुकानों के बंद का असर सुबह से ही देखा जाने लगा। जेएलएन अस्पताल के भीतर के दवा काउंटरों अतिरिक्त बाहर सभी दुकानों के शटर डाउन रहे। इसी तरह शहर में स्थित अन्य मेडिकल स्टोर्स के शटर भी नहीं खुले।

श्रीप्रिया मेडिकल स्टोर के संचालक रामकिशन ने बताया कि दवाओं की ऑनलाइन ब्रिकी ड्रग्स एक्ट के प्रावधान का उल्लंघन हैं। इंटरनेट के माध्यम से दवाओं की बिक्री को सरकार द्वारा नियमित करने से दवा रिएक्शन का खतरा बढ़ जाएगा, जिससे निम्न गुणवत्ता वाले, गलत ब्रांड और नकली उत्पादों की आशंका बढ़ जाएगी।

सरकार को किसी भी दवाअों की ऑनलाइन बिक्री को रोकना चाहिए क्योंकि इससे नशीली दवाओं के दुरुपयोग का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऑनलाइन फार्मेसी व्यापार अवैध तरीके से चल रहा है और प्रशासन इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा, इसलिए आम जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए हमारे पास हड़ताल पर जाने का कोई विकल्प नहीं बचा हैै। एआईओसीडी अपनी मांगों को लेकर पहले ही दो बार भारत बंद कर चुकी है।

एआईओसीडी के सचिव संदीप नांगिया ने फोन पर कहा कि अगर अभी की अपील से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो एआईसीओडी के पास पूरे देश में अनिश्चिकालीन हड़ताल के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा।

एआईओसडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि दवाइयों के कीमतों पर सरकार ने नियंत्रण लगा रखा है, फिर भी थोक विक्रेता के दस प्रतिशत छूट के मुकाबले ऑनलाइन विक्रेता 70 प्रतिशत तक छूट दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दवाआें की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति देना न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होगा, बल्कि इससे युवा पीढ़ी को भी काफी नुकसान होगा।