अजमेर। कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित के निर्देश पर रविवार को जिले के सभी इंसीडेन्ट कमाडंरों ने कोरोना बीमारी के कारण होम आइसोलेट किए गए मरीजों से उनके घर के बाहर जाकर हालचाल पूछे। मरीजों से उन्हें दवाईयों एवं खानपान से संबंधित आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता तथा आइसोलेशन के बारे में जानकारी ली गई। इंसीडेन्ट कमांडरों ने मरीजों से आग्रह किया कि दवाई और होम आइसोलशन के लिए सरकारी गाइडलाइन का पूर्णतः पालन करें।
कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने आज सभी इंसीडेन्ट कमांडरों को निर्देशित किया कि वे दिन में होम आइसोलेट किए गए कोरोना मरीजों के घर जाकर मिले। जिला कलक्टर स्वयं शहर में विभिन्न स्थानों पर होम आइसोलेट किए गए मरीजों के घर गए और वहां उनसे बाहर से खड़े होकर चर्चा की।
उन्होंने मरीजों से पूछा कि आपको दवाएं समय पर और पूरी मिल रही है या नहीं। दूध, भोजन, सब्जियों आदि की उपलब्धता में किसी तरह की रूकावट तो नहीं है या फिर और किसी तरह की समस्या तो नहीं है।
कलक्टर ने कहा कि होम आइसोलेट किए गए मरीज पूरी तरह आइसोलेशन के नियमों का पालन करें। यह उनके और दूसरे लोगों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। किसी भी तरह की समस्या आने पर अपने क्षेत्र के इंसीडेन्ट कमाण्डर या उनकी टीम से सम्पर्क किया जा सकता है। जिला कलक्टर के निर्देश पर इंसीडेन्ट कमांडरों ने अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर मरीजों से उनके हालचाल जाने।
ऑक्सीजन लेवल 93 से ऊपर तो मरीज को करें होम आइसोलेट
कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की अनावश्यक खपत को देखते हुए अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान नई दिल्ली की एडवाइजरी के अनुसार नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत सभी निजी अस्पताल कोरोना पॉजीटिव मरीज का ऑक्सीजन लेवल 93 तथा रेसपीरेटरी रेट 24 प्रति मिनट से कम होने पर ऎसे मरीजों को माइल्ड मानते हुए होम आइसोलेट करने का परामर्श देंगे। निजी चिकित्सालयों में सिर्फ उन्हीं कोरोना मरीजों को भर्ती कर ऑक्सीजन बैड पर लिया जाएगा जिनका ऑक्सीजन लेवल 93 से कम है।
कलक्टर राजपुरोहित ने बताया कि अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान नई दिल्ली (एम्स) की नवीनतम गाइडलाइन के अनुसार ऑक्सीजन सेचुरेशन/स्तर 93 से अधिक और रेसपीरेटरी रेट 24 प्रति मिनट से कम है तो ऎसे कोविड पॉजीटिव मरीज की अवस्था को माइल्ड माना जाएगा। निजी चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए है कि ऎसे मरीजों को होम आइसोलशन के लिए निर्देशित किया जाए।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक एमपैनल्ड निजी अस्पताल के लिए नियुक्त किए गए चिकित्सा अधिकारी एवं आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर से प्रत्येक मरीज का डाटा कैप्चर किया जाए। उन्होंने कहा कि जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन का उपयोग बहुत ही लापरवाही की स्थिति को बताता है। इसे जरूरतमंद मरीज की ऑक्सीजन मांग की कटौती माना जाएगा। दोषी के विरूद्ध आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 53 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
जिले के बार्डर पर स्थापित होगी चैकपोस्ट
जिला मजिस्ट्रेट प्रकाश राजपुरोहित ने जिला पुलिस अधीक्षक एवं सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए है कि राज्य सरकार की ओर से 23 अप्रैल को वाहनों की आवाजाही से संबंधित गाइडलाइन की पालना के लिए अपने-अपने क्षेत्र में जिलों की बार्डर पर चैकपोस्ट स्थापित कर नियमों की पालना कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।
जिला मजिस्ट्रेट राजपुरोहित ने बताया जन अनुशासन पखवाड़े की नई गाईडलाइन के अनुसार निजी यात्री वाहन (बसों को छोड़कर) केवल इमरजेन्सी या अत्यावश्यक सेवाओं के लिए ड्राईवर के साथ 50 प्रतिशत बैठक क्षमता तक ही अनुमत होंगे।
समस्त राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में निजी वाहनों के द्वारा मेडिकल इमरजेन्सी एवं अन्य अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी भी प्रकार की अनुमत नहीं होगी। यह आदेश सोमवार 26 अप्रैल को प्रातः 5 बजे से प्रभावी हो जाएगा। निजी बसें अपनी बैठक क्षमता का 50 प्रतिशत तक ही अनुमत होगी, जिसमें कोई भी यात्री खड़े होकर यात्रा नहीं करेगा।
उन्होंने बताया कि इन आदेशों की पालना के लिए सभी संबंधित उपखण्ड अधिकारी अपने क्षेत्र के पुलिस अधिकारी से समन्वय स्थापित कर जिले के बार्डर एवं अप्रोच रोड पर चैकपोस्ट स्थापित करेंगे।