अजमेर। अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल द्वारा बीते दिनों मीडिया की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ टिप्पणी का मामला ठंडा नहीं पड रहा। स्थानीय स्तर पर कांग्रेस नेता इस मामले को गर्माए हुए हैं।
सोमवार को कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं कांग्रेस ओबीसी विभाग के अध्यक्ष महेश चौहान ने प्रेस वार्ता कर भदेल की सीएम गहलोत पर की गई टिप्पणी पर पलटवार करते हुए दो टूक कहा कि कोरोना संकट काल में जिस सूझबूझ तथा राजनीतिक कुशलता के साथ मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान की सेवा की है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से पहली बार पार्षदों व जनप्रतिनिधियों के जरिए जरूरतमंद परिवारों को राहत सामग्री वितरण का कार्य किया गया। समाज के प्रत्येक वंचित वर्ग तक खाद्य सामग्री पहुंचाई गई। ये गहलोत की सोच थी कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए।
विधायकों को अपने फंड से अपने क्षेत्र में राहत सामग्री वितरण के आदेश भी गहलोत ने ही जारी किए। जिसके लिए भदेल को मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए। भाजपा के राज में गरीबों, बीपीएल खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वालों को 2 रुपए किलो गेहूं मिलता था जिसे कांग्रेस सरकार ने 1 रुपए किलो में उपलब्ध कराया। इतना ही नहीं बल्कि कोविड-19 जैसी महामारी से जूझ रहे प्रदेश में प्रति यूनिट 10 किलो आटा किट व खाद्य सामग्री जरूरतमंद लोगों को निशुल्क मुहैया कराई गई।
चौहान ने भदेल से सवाल किया कि जब राजनीति से ऊपर उठकर मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी दलों के विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। तब आपने भी 540 राशन उपभोक्ताओं के नाम दिए थे। बीते 15 साल तक आपकी सरकार रही। यानी हर साल हर साल के 36 परिवारों के नाम बीपीएल या खाद्य सुरक्षा योजना से जुडने से वंचित रहे। यदि ऐसा था तो यह आपकी राजनीतिक विफलता है ना की गहलोत की।
क्षेत्र की जनता ने कई वर्षों से आपको मौका दिया है, इसके बावजूद भी यदि कोई परिवार राशन से वंचित रह जाता है तो यह आप की नाकामी में गिना जाएगा जबकि इसके लिए आप मुख्यमंत्री गहलोत को दोष देते हुए निम्न स्तर की टिप्पणी कर बैठीं हैं। इस भीषण त्रासदी में भाजपा सांसद द्वारा आपके विधानसभा क्षेत्र में कितनी मदद की गई है यह भी जनता के सामने लाएं।
चौहान ने कहा कि प्रदेश में अशोक गहलोत की कार्यशैली की आम जनता तारीफ कर रही है उससे भाजपा में खलबली मची हुई है। विधायक भदेल द्वारा की गई निम्न स्तर की टिप्पणी राजनीतिक खीज का परिचायक है। इस महामारी में वे राजनीति से बाज आएं और अपने कृत्य के लिए मुख्यमंत्री गहलोत से माफी मांगे।