अजमेर। राजस्थान में अजमेर नगर निगम की आयुक्त चिन्मयी गोपाल के अधिकारों को छीनकर उनके अधिनस्थ राजस्व सेवा से जुड़े उपायुक्त गजेंद्र सिंह रलावता को दिए जाने के मामले में अजमेर शहर कांग्रेस अब खुलकर सामने आ गई है और उसने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की हैं।
इस मामले में शहर अध्यक्ष विजय जैन ने मुख्यमंत्री गहलोत, उपमुख्यमंत्री पायलट तथा स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिखकर नगर निगम में भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती का भी आरोप है कि जिस तरह आयुक्त के अधिकार छीने गए है, उससे लगता है कि निगम का भाजपा बोर्ड आयुक्त चिन्मयी गोपाल की कार्यशैली से बेचैन हो चला है।
मामला अजमेर में तेरह व्यावसायिक नक्शों की कथित तौर पर अवैध एवं नियम विरुद्ध मंजूरी से जुड़ा है जिस पर तत्कालीन आयुक्त हिमांशु गुप्ता ने रोक लगा दी थी। मामला निदेशक स्वायत्त शासन विभाग जयपुर पहुंचा जहां से पुनः मामले में साधारण सभा से निर्णय कराने के निर्देश दिए गए।
गत 14 एवं 15 फरवरी को नगर निगम की साधारण सभा आहुत की गई, जिनमें सत्रह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें ये तेरह व्यवसायिक निर्माणों का मामले भी शामिल थे। इससे पहले वर्तमान आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने भी अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए इन निर्माणों के जांच के आदेश दिए थे, लेकिन महापौर धर्मेन्द्र गहलोत की सिफारिश पर सभी प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए नक्शे पास करने का अधिकार छीनकर उपायुक्त को दिए गए।