अजमेर। कांग्रेस पार्टी के भीतर मची उथल पुथल और पंचायत व निकाय चुनाव का बुखार थमने के बाद प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक नियुक्ति रूपी जिन्न कुलाचें मारने लगा है। इस बार पार्टी के ओबीसी विभाग ने भी पुरजोर तरीके से संगठन और सत्ता सुख में बराबरी की भागीदारी की मांग उठाई है।
शुक्रवार को इसकी बानगी अजमेर में देखने को मिली। ओबीसी विभाग के प्रदेश संयोजक राजेन्द्र सेन के आगमन से पहले ही ओबीसी वर्ग से जुडे नेताओं ने एकराज होकर अपनी रणनीति तैयार कर ली थी। ओबीसी विभाग के पदाधिकारियों, विभिन्न समाजों के प्रमुखों से मेल मुलाकात के लिए प्रदेश संयोजक को अजमेर प्रकोष्ठ ने अपनी मांगों की पूरी फेहरिस्त थमा दी।
ओबीसी वर्ग के नेताओं का कहना था कि प्रदेश में कुल मतदाताओं का 55 प्रतिशत वोट उनका होता है तथा ओबीसी वर्ग के समर्थन की बदौलत सरकार बनती है। इसके बावजूद अब तक इस वर्ग को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। हर समाज का एक एक प्रतिनिधि संगठन में समायोजित होगा तो इससे कांग्रेस पार्टी को मजबूती मिलेगी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने दो साल पूरे चुके हैं लेकिन ओबीसी वर्ग से संबंधित एक भी बोर्ड का अब तक गठन नहीं हो पाया है। खासकर अजमेर विकास प्राधिकरण जैसे महत्वपूर्ण विभाग में ओबीसी वर्ग को कभी अवसर नहीं मिला।, जो कि नाइंसाफी है।
ओबीसी विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों तथा विभिन्न समाजों के एक जाजम पर आकर अपनी मांग पुरजोर तरीके से उठाए जाने के बाद प्रदेश संयोजक सेन ने प्रेस वार्ता के दौरान सहमति जताते हुए कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त निगम, माटीकला बोर्ड, देव नारायण बोर्ड, केश कला बोर्ड का सरकार शीघ्र गठन करने की मांग उचित है। इन बोर्डों का गठन हो जाने से अन्य पिछड़ा वर्ग की कामगार जातियों को ऋण एवं लाभ मिल सकेगा।
प्रदेश संयोजक सेन ने माना कि अजमेर संभाग में ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की संख्या लगभग 65% है फिर भी आज तक ओबीसी वर्ग का अजमेर विकास प्राधिकरण का चैयरमेन एवं अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नहीं बना। ओबीसी जातियों के प्रमुखों ने सर्व सम्मति से इस बारे में प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा से मांग की है कि उक्त बोर्डो का गठन शीघ्र करें एवं सोशियल इंजीनिरिंग के आधार पर पीसीसी कार्यकारणी में ओबीसी के लोगो को उचित प्रतिनिधत्व दे तथा अजमेर विकास प्राधिकरण के चैयरमेन के पद पर ओबीसी के व्यक्ति को नियुक्त करें।
इस अवसर पर अन्य पिछड़ा वर्ग जातियों के प्रतिनिधि के रूप में जांगिड़ समाज के योगेश उबाना, सैन समाज के मामराज सेन, माली समाज के हनुमान प्रसाद कछावा, यादव समाज से संजय यादव व भरत यादव, सोनी समाज के सुरेश सोनी, कुमावत समाज के सत्यनारायण कुमावत, तेली समाज के कैलाश झालीवाल आदि ने सत्ता एवं संगठन में अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों को उचित प्रतिनिधित्व देने पर जोर दिया।
प्रदेश संयोजक सेन ने बताया कि वे यह प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा को सौंपेंगे तथा ओबीसी वर्ग की भावना से उन्हें अवगत कराएंगे।
इस अवसर पर अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ओबीसी विभाग के जिला अध्यक्ष महेश चौहान, अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान महासचिव शिव कुमार बंसल, पार्षद गणेश चौहान, छात्र नेता हनीफ मारोठिया, हेमराज सिसोदिया, तिलोकचंद इंदौरा, चेतन सैनी, दिलीप गढ़वाल, योगेश सेन, सलीम अंसारी, महादेव बढ़ाना, योगेश चौहान, आनंद प्रकाश, सुरेश सिहं रावत आदि उपस्थित थे।
जिला अध्यक्ष महेश चुनाव की भी कुर्सी पर नजर
अजमेर विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष पद की खाली कुर्सी को लेकर यूं तो कई दावेदारों के नाम सुर्खियों में आते रहे हैं। इसी क्रम में एडीए की कुसी पर काबिज होने का सपना देख रहे ओबीसी विभाग के अध्यक्ष महेश चौहान अब मुखर हो गए हैं। प्रदेश संयोजक के आगमन के दौरान उनकी सक्रियता इस बात का प्रमाण थी वे कुर्सी की रेस में डटे हैं। इस बार एडीए पर ओबीसी विभाग के दावे ने उनके सपनों को सच होने को और हवा दे दी है। यह तो वक्त ही बताएगा कि वे पार्टी सेवा और मुख्यमंत्री के स्वजातीय होने का कितना लाभ उठा पाते हैं।