अजमेर। राजस्थान के अजमेर में कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने एक चिकित्सा अधिकारी से हाथापाई के साथ बदसलूकी के बाद भारतीय प्रशासन सेवा के अधिकारी एसडीएम आर्तिका शुक्ला को कोरोना महामारी प्रभारी पद से हटा दिया है।
शर्मा एवं चिकित्सक यूनियनों के साथ गुरूवार को देर शाम चली दो घंटे की वार्तालाप के बाद एसडीएम शुक्ला को प्रभारी पद से हटा दिया और उनके स्थान पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह राठौड़ को कोविड व्यवस्था का प्रभारी नियुक्त किया गया।
उल्लेखनीय है कि महिला चिकित्सक डॉ. ज्योतसना रंगा और आर्तिका शुक्ला के बीच हुआ विवाद यूनियन के सहयोग से पुलिस लाइन थाने पहुंच गया। इससे पहले विवाद के अंत के लिए प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा की मौजूदगी में आहूत प्रशासन और डाक्टरों के बीच हुई वार्ता बेनतीजा रही। प्रशासन के दोनों अधिकारियों से खेद व्यक्त कराकर प्रकरण को विराम देने की पहल की तथा डाक्टरों की भी समझाइश की। लेकिन डाक्टर उपखंड अधिकारी आर्तिक शुक्ला और ब्यावर के तहसीलदार रमेशचंद बहेडिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनके निलंबन की मांग पर अडे रहे।
ब्यावर में नोटिस विवाद सुलझाने की कवायद
वहीं ब्यावर में उपखंड अधिकारी जेएस संधु और अमृतकौर चिकित्सालय के प्रभारी डा आलोक श्रीवास्तव के बीच बार बार नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगे जाने को लेकर उपजे विवाद को समाप्त करने के लिए कलक्टर ने 21 अप्रेल को जारी स्पष्टीकरण के नोटिस को विलोपित करने के आदेश देकर प्रशासन और डाक्टरों के बीच उपजे तनाव को खत्म करने की कवायद की।
डा ज्योत्सना रंगा ने पुलिस के प्रति जताई नाराजगी
राजस्थान इन सर्विस डाक्टर्स एसोसिएशन की प्रदेश प्रवक्ता डा ज्योत्सना रंगा ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पुलिस ने जांच के नाम पर उनकी शिकायत को लंबित रख लिया और एफआईआर दर्ज नहीं की। उन्होंने आनलाइन अपनी शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की पर वह भी नहीं हुई। पुलिस प्रशासन का कहना था कि वह 15 दिन में जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज करेगा।