अजमेर। राजस्थान में अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने वर्तमान वित्तीय वर्ष तक सरस दूध के भाव नहीं बढ़ाने की घोषणा की है।
चौधरी ने आज पत्रकारों को से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना की 9.45 करोड़ रुपये अनुदान राशि मिलने के बाद पशुपालकों के भुगतान किए जा रहे हैं और दिसंबर माह तक किसी भी पशुपालक का बकाया नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि होली तक अजमेर डेयरी सरस दूध के भाव स्थिर रखेगी। उन्होंने अजमेर डेयरी को अपने आप में ‘स्मार्ट डेयरी’ की संज्ञा देते हुए कहा कि पशुपालकों के लिए यह विकास का मंदिर है। इसके जरिए उन्हें रोजगार के अवसर मिलते हैं। उन्होंने जिलेभर की शिक्षण संस्थाओं के प्रधानों से अपील की कि वे विद्यार्थियों को डेयरी भ्रमण कराएं ताकि उनका रुझान भी इस ओर हो।
चौधरी ने भारत सरकार की ओर से पशुपालकों की आय को दोगुना किए जाने की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा कि वर्तमान में पशुपालकों की आमदनी आधी रह गई है। घी पर जीएसटी कोड़ में खाज का काम कर रहा है, पशुओं को एफएमडी मुक्त करने, टैगिंग करने, बीमा कराने जैसी घोषणाएं भी घोषणा बनकर रह गई है। उन्होंने उपभोक्ताओं से सरस का दूध ही खरीदने की अपील की क्योंकि अन्य डेयरियों की तुलना में अजमेर सरस का कोई सानी नहीं है।
उन्होंने बताया कि 21 नवंबर को स्थानीय जवाहर रंगमंच पर अजमेर डेयरी की आम सभा होगी जिसमें खुला अधिवेशन भी होगा। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल की वजह से गतवर्ष साधारण सभा नहीं हो पाई थी इसलिए होने वाली आम सभा वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 के लिए होगी जिसमें संचालक मंडल से लाभांश वितरण की भी अनुमति ली जाएगी। अगले ही दिन जिलेभर की सभी दुग्ध सहकारी समितियों का डिजिटलाइजेशन कर दिया जाएगा।
1 अप्रैल 2022 से जिले के 60 से 70 हजार पशुपालकों के खाते में सीधे राशि भेजे जाने की व्यवस्था की जा रही है। इस अवसर पर उपस्थित प्रबंध संचालक उमेशचंद्र व्यास ने बताया कि डेयरी का गठन जिस उद्देश्य से किया गया वह उत्तरोत्तर प्रगति की ओर है।
जिले की 332 ग्राम पंचायतों में से 292 में सरस डेयरी नेटवर्क सक्रियता से संचालित है और पशुपालकों के लिए आय बढ़ाने का अजमेर डेयरी एकमात्र साधन है। उल्लेखनीय है कि अजमेर डेयरी 350 करोड़ रुपए के नवीन प्लांट स्थापित करने के बाद से 45 उत्पाद तैयार कर रही है।