अजमेर। राजस्थान में अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर डेयरी संघों में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की प्रस्तावित नियुक्ति का कड़ा विरोध किया है।
चौधरी ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा कि डेयरी संचालन का कार्य प्रशासनिक अधिकारी के बूते का नहीं क्योंकि वे डेयरी टेक्नोक्रेट्स नहीं है और डेयरी को डेयरी टेक्नोक्रेट्स ही प्रभावी तरीके से संचालित कर सकते हैं।
यदि प्रशासनिक अफसर को बतौर मैनेजर डेयरी पर थोपा जाता है तो फिर वह ऐसे आईएएस अफसर के लिए प्रस्ताव देंगे जो आईआईटी डिग्री धारक हो या फिर दुग्ध उत्पादक संघ उनकी सिफारिश करता है जो डेयरी तकनीक से जुड़ा हो और प्रतिष्ठित संस्थान आईआरएमए, एनडीडीबी, एनडीआरआई से चयनित हो।
उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा के पचास फीसदी अधिकारी पदोन्नत होते हैं अथवा लोकसेवा आयोग से आरक्षित कोटे से आते हैं जिन्हें डेयरी प्रबंधन की जानकारी नहीं होती।
चौधरी ने मुख्यमंत्री से आरएएस अधिकारी की नियुक्ति के प्रस्तावित आदेश को निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सहकारिता नियमों में भी इस तरह का प्रावधान नहीं है। इसलिए राज्य सरकार ऐसा कोई कदम न उठाए जिससे डेयरी का प्रबंधन प्रभावित हो।
चौधरी ने राज्य गोपालन सचिव आरुषि मलिक की इसे सुनियोजित सोच बताते हुए प्रदेश की डेयरियों को प्रशासनिक हाथों में देने का षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि वे अजमेर, भरतपुर, चित्तौड़गढ़ कलेक्टर के रूप में इस बात को पहले भी कह चुकी है जिसका सहकारिता क्षेत्र में सर्वत्र विरोध हुआ।
उन्होंने मुख्यमंत्री से इस तरह के किसी भी प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की जिसमें सहकारिता क्षेत्र की डेयरियों में प्रशासनिक हाथों का दखल हो।