अजमेर। राजस्थान में अजमेर डेयरी का अगले वर्ष का बजट 1200 करोड़ रुपए का होगा। यह घोषणा अजमेर डेयरी के सदर रामचंद्र चौधरी ने आज जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड की 31वीं वार्षिक संवैधानिक आम सभा में की।
चौधरी ने कहा कि अजमेर डेयरी का भविष्य उत्तरोत्तर प्रगति की ओर है और अगले साल छह लाख लीटर दूध की उम्मीद के साथ डेयरी नया अध्याय जोड़ेगी और हमारा बजट 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के लिए 1200 करोड़ रुपए का होगा।
अजमेर के जवाहर रंगमंच पर आयोजित वार्षिक आम सभा का कोरम निर्धारित समय से पूर्व ही पूरा हो गया। मां सरस्वती के दीप प्रज्वलन के बाद सर्वसम्मति से डेयरी के कार्यों व कार्य योजना को बजट के साथ एक मत से अनुमोदित कर दिया गया। आम सभा में अजमेर डेयरी सदस्य समितियों के अध्यक्षों ने शिरकत की।
आम सभा में चौधरी ने विस्तार से डेयरी की कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए 31 मार्च 2023 होली तक दूध का भाव यथावत रखने की घोषणा की लेकिन इसमें यह भी जोर दिया कि यदि केंद्र की मोदी सरकार ने दूध पर जीएसटी लगाया तो हम कड़ा विरोध तो करेंगे ही। साथ ही दूध का भाव कम करने पर भी विचार हो सकता है।
पशुपालकों को इस दृष्टि से मानसिक रूप से तैयार होना होगा। चौधरी ने केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि केंद्र ने राजस्थान को लम्पी संक्रमण रोकने के टीके विलंब से दिए जिसके चलते राज्य में गौवंश में बीमारी फैली। केंद्र की एफएमडी टीके व एफएमडी मुक्त योजना भी पूरी नहीं हो पाई। पशुपालकों के क्रेडिट कार्ड नहीं बन पाए, पशु बीमा भी आठ से दस प्रतिशत ही संभव हो पाया।
चौधरी ने डेयरी संचालक मंडल के निर्णयानुसार सभी पशुपालकों के परिवारों को चिरंजीवी योजना में लाने की घोषणा करते हुए आने वाले दिनों में पूरे जिले में शिविर आयोजित करने की बात कही तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत इलाज व बीमा का लाभ उठाने की बात कही। आम सभा में संघ के संचालक मंडल के सभी सदस्यों के साथ प्रबंध संचालक मदनलाल बागड़ी, जिला परिषद के सीईओ हेमंत स्वरूप माथुर, आरसीडीएफ जयपुर के महाप्रबंधक आरके सुथार भी मौजूद रहे।
इस मौके पर बोरड़ा गांव निवासी छोटू खान की तीन भैंसे मरने की क्षति पूर्ति स्वरूप पच्चीस हजार रुपए प्रति भैंस के हिसाब से 75 हजार का चौक भी दिया गया। इसके अलावा एक अन्य आर्थिक सहयोग में कानपुरा के चेतन को दस हजार रुपए का चेक तथा प्रसव योजना के तहत कुछ महिलाओं को घी प्रदान किया गया। डेयरी सदर चौधरी ने राजस्थान सरकार से डेयरी के संविदाकर्मियों को भी स्थाई करने की मांग की। साथ ही पशुपालकों को भरोसा दिलाया कि पंद्रह दिसंबर तक किसी की भी दूध का भुगतान बकाया नहीं रहेगा।