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अजमेर : कुल की रस्म के साथ 806वें उर्स का समापन - Sabguru News
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अजमेर : कुल की रस्म के साथ 806वें उर्स का समापन

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अजमेर : कुल की रस्म के साथ 806वें उर्स का समापन
Ajmer dargah 806th Urs ends
Ajmer dargah 806th Urs ends
Ajmer dargah 806th Urs ends

अजमेर। राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के उर्स का छठी की कुल की रस्म के साथ ही रविवार को समापन हो गया। बड़े कुल की रस्म 28 मार्च को होगी।

छह दिवसीय 806वें सालाना उर्स के मौके पर रविवार को दरगाह शरीफ स्थित आस्ताने पर कुल की रस्म अदा की गई। खुद्दाम-ए-ख्वाजा व आम जायरीनों ने गुसल किया जिसके तहत आस्ताना शरीफ के साथ साथ वहां की अन्दरुनी व बाहरी दीवारों को भी गुलाब, केवड़े के जल से धोया गया।

अकीदतमंद इस जल को बोतलों में बंद कर तवर्रुक के रूप मेे लेकर अपने घरों के लिए भी रवाना होना शुरू हो गए है। कुल की रस्म के साथ ही उर्स के मौके पर छह दिन के लिए खोला गया जन्नती दरवाजा भी बंद कर दिया गया।

इससे पहले आज सुबह आठ बजे अंजुमन सैयद जादगान व अंजुमन शेखजादगान ने सामूहिक रूप से आस्ताना शरीफ में दुआ की और चादर व फूल पेश किए। अधिकांश समय खादिम ही अंदर रहे और आम जायरीन को कम ही अंदर जाने का मौका मिला। दरगाह का पायंती दरवाजा तथा आहता-ए-नूर जायरीनों के भारी दबाव के कारण खचाखच भरा रहा।

ग्यारह बजे महफिलखाने में कुल की महफिल आयोजित की गई जिसमें दरगाह के शाही कव्वालों के साथ साथ बाहर से आए कव्वालों ने बधावा व रंग पेश कर अपनी ओर से खिदमत की। अभी दिन में सवा बजे कुल की रस्म अदा कर ली गई। इस दौरान महरौली से आए कलंदरों के समूह में दागोल की रस्म भी निभाई।

कुल की रस्म के साथ ही खादिमों ने अकीदतमंदों की दस्तारबंदी की। देर रात कुल की आखिरी शाही महफिल दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन की सदारत में आयोजित हुई। जिसमें ख्वाजा साहब की शान में सूफियाना कलाम पेश किए गए।

सुबह छठी के कुल के लिए उन्होंने अपने उत्तराधिकारी पुत्र नसीरुद्दीन को धार्मिक रस्मों के लिए आस्ताना शरीफ में भेजना चाहा तो मौके पर मौजूद खादिमों ने इसका विरोध किया। जिसके चलते कुछ देर के लिए तनाव के हालात उत्पन्न हो गए।

खादिमों का कहना रहा कि दरगाह दीवान के जीते जी वे ही धार्मिक रस्में निभाएंगे। उनके पुत्र को इसका अधिकार नहीं दिया जा सकता। विवाद की जानकारी मिलने पर सुबह से ही प्रशासन के आला अधिकारियों ने मोर्चा संभाले रखा और समझाईश के प्रयास कर स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखा।