अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सोमवार सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 809वें सालाना उर्स की शाम अस्र की नमाज के बाद दरगाह के बुलंद दरवाजे पर उर्स का झंडा चढ़ने के साथ ही उर्स की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी।
परंपरागत तरीके से भीलवाड़ा का गौरी परिवार झंडे की रस्म निभाएगा। वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर दरगाह के गरीब नवाज गेस्ट हाउस से झंडे का जुलूस चुनिंदा लोगों के साथ रवाना होकर दरगाह शरीफ पहुंचेगा और झंडा चढ़ाया जाएगा। उर्स को देखते हुए प्रशासन, पुलिस प्रशासन, दरगाह कमेटी, दोनों अंजुमन एवं दरगाह दीवान आदि सक्रिय हो गए हैं।
उर्स के दौरान दरगाह में प्रवेश के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए वेबसाइट भी जारी की है। उर्स के दौरान दरगाह में पंजीयन के बाद ही प्रवेश मिल सकेगा साथ ही कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट भी पेश करनी होगी।
दरगाह कमेटी ने जायरीनों की आवक को देखते हुए कायड़ विश्राम स्थली पर व्यवस्थाएं करना शुरू कर दिया है। कमेटी ने तो विश्राम स्थली पर अस्थायी दुकानों को लगाने के लिए सार्वजनिक इश्तहार के जरिए प्रस्ताव भी मांगे हैं।
उधर दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान के हवाले से बताया गया है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलातों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का 17 फरवरी को अजमेर दौरा प्रस्तावित है। वह यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चादर पेश करने के साथ दरगाह कमेटी द्वारा दरगाह में कराए जा रहे विकास कार्यों को भी लोकार्पित कर सकते हैं।