अजमेर। राजस्थान में अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 809वें सालाना उर्स के लिए कल रात रजब महीने का चांद नहीं दिखने के बाद अब आज रात से उर्स विधिवत शुरू हो जाएगा। चांद नहीं दिखने पर खिदमत के बाद बंद किया गया जन्नती दरवाजा आज तड़के फिर खोल दिया गया।
खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के उर्स कनवीनर सैयद मुसाबिर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शाम को रौशनी के बाद ख्वाजा साहब के दरगाह के पीछे पहाड़ स्थित पीर साहब की पहाड़ी से तोप दागकर, शादियाने एवं नगाड़े बजाकर उर्स के आगाज मुनादी की जाएगी और इसी के साथ उर्स की धार्मिक रस्में भी शुरू हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि रात ग्यारह बजे उर्स की पहली महफिल होगी और फिर छह दिवसीय उर्स अपनी धार्मिक रस्मों के साथ परवान चढ़ता जाएगा। दरगाह में सूफियाना कलामों एवं शाही कव्वालियों के दौर के बीच प्रतिदिन रात्रि एक बजे बाद ख्वाजा साहब की मजार के शाही गुस्ल की रस्म अदा की जाएगी।
19 फरवरी को जुम्मे की नमाज एवं छठी का कुल की रस्म होगी। 22 फरवरी को बड़े कुल की रस्म के साथ उर्स विधिवत संपन्न हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सुबह पुनः खोला गया जन्नती दरवाजा 19 फरवरी को मामूल कर दिया जाएगा।
उर्स को देखते हुए अजमेर शहर में बड़ी संख्या में जायरीनों का पहुंचना हो रहा है। पूरी दरगाह रौशनी और रौनक से सराबोर है। जिला एवं पुलिस प्रशासन सतर्क है और पांच हजार से ज्यादा पुलिस कर्मियों को पूरे उर्स में लगाया गया है।
उर्स के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में आरएसी, ईआरटी, क्यूआरटी, सीआईडी, होमगार्ड आदि के जवान मौजूद रहेंगे। नव निर्वाचित महापौर बृजलता हाडा ने भी दरगाह क्षेत्र का दौरा करके उर्स व्यवस्थाओं को माकूल किए जाने के निर्देश दिए हैं।