अजमेर। राजस्थान में अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 809वें सालाना उर्स के मौके पर तड़के सुबह चार बजे जन्नती दरवाजा परम्परागत रूप से खोला गया।
जन्नती दरवाजे से निकलने के लिए अकीदतमंदों की भीड़ पंक्तिबद्ध लग गई और सभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे है। आज चांद रात है। चांद दिखाई देने पर उर्स का विधिवत आगाज होगा और जन्नती दरवाजा भी छः दिनों के लिए खुला रहेगा। यदि चांद नहीं दिखा तो शाम खिदमत के बाद दरवाजा बंद कर दिया जायेगा और कल सुबह तड़के आम जायरीनों के लिए एक बार फिर खोल दिया जाएगा।
रजब माह के चांद की पुष्टि के लिए दरगाह कमेटी के अधीन हिलाल कमेटी की रात में बैठक होगी। चांद दिखाई देने पर आज रात से ही धार्मिक रस्में शुरू हो जाएगी। यदि चांद नहीं दिखा तो कल से उर्स का विधिवत आगाज होगा। दरगाह में शादियाने बजाने के साथ ही उर्स की महफिल भी दरगाह दीवान जैनुअल आबेदिन की सदारत में होगी।
उधर, उर्स में दिल्ली से पैदल अजमेर पहुंचे कलन्दरों के जत्थे ने ऋषि घाटी चिले पर पड़ाव डाला और शाम को असर की नमाज के बाद छड़ियों को पेश करेंगे। उर्स से ठीक पहले शुक्रवार को देखते हुए जुम्मे की नमाज भी अदा होगी। जिला एवं पुलिस प्रशासन सहित दरगाह एवं दोनों अन्जुमन कमेटियां व्यवस्था बनाने में लगी है। बीती रात दरगाह स्थित मजार शरीफ से संदल उतारने और अकीदतमंदों में बतौर तबर्रुक तकसीम का धार्मिक रस्म को अन्जाम दिया गया।