अजमेर। राजस्थान में अजमेर दरगाह से जुड़ी खादिमों की संस्था अंजुमन यादगार शेखजादगान के लिए चुनाव नहीं कराए जाने का मुद्दा अब विवाद का रूप लेकर दरगाह थाने तक पहुंच गया है।
राजस्थान में अनलॉक-3 के साथ ही खोले गए धर्मस्थलों के तहत दरगाह को भी खोला गया है और अब जायरीनों का अच्छी संख्या में आना शुरू हो गया है। ऐसे में सबकी निगाह चढ़ावे की ओर है। अंजुमन भी इससे अछूती नहीं। अनलॉक के पहले दिन ही अंजुमन यादगार का संचालन कर रही तदर्थ कमेटी के खिलाफ एक गुट विशेष ने मोर्चा खोलते हुए कल कार्यालय पर कब्जे का प्रयास किया।
सूचना मिलते ही तदर्थ कमेटी के सचिव एडवोकेट एहतेशाम चिश्ती कार्यालय पहुंचे और पुलिस के दखल से उन्हें बाहर निकलवाया लेकिन कब्जे वाले गुट ने दरगाह थाना पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और कहा कि 224 सदस्यों की कौम वाली इस संस्था में 122 सदस्यों ने उनकी कमेटी को 26 जून को चुन लिया इसलिए वे कार्यालय पर अधिकार से पहुंचे और तदर्थ कमेटी अपना एकाधिकार बनाए रखते हुए काफी समय से चुनाव नहीं करा रही है।
दूसरी ओर तदर्थ समिति के सचिव एहतेशाम चिश्ती का कहना है कि वर्तमान में उन्हें कार्य का अधिकार चुनाव होने तक मिला हुआ है। ऐसे में कोरोनाकाल में चुनाव नहीं कराए जा सके और वे कार्य कर रहे है।
दरगाह थाना पुलिस ने दोनों पक्षों को आज थाने में तलब किया है। थाना अधिकारी का प्रयास रहेगा कि कोरोना गाइडलाइन की अनुपालना में विवाद न बढ़े इसलिए आज दोनों पक्षों से समझाइश की जाएगी।