अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह दीवान सैय्यद ज़ैनुअल आबेदीन अली खान ने गरीब नवाज के 806वें उर्स के मौके पर अपने उत्तराधिकारी एवं नायब सज्जादानशीन के रुप में अपने जेष्ठ पुत्र सय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती की घोषणा करते हुए अलग से वसीयत नामा भी जारी किया।
दरगाह दीवान के निजी सचिव एस ए चिश्ती ने बताया कि दरगाह दीवान ने अपने उत्तराधिकारी एवं नायब सज्जादानशीन की घोषणा ख्वाजा साहब के सालाना उर्स के समापन की पूर्व संध्या पर दरगाह में आयोजित होने वाली पारंपरिक महफिल एवं देशभर की मुख्य दरगाहों के सज्जादगान चिश्तिया ख़ानक़ाहों के प्रमुखों मुस्लिम धर्म गुरुओं की वार्षिक सभा में अधिकृत रूप से उनके बड़े पुत्र सय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती के रूप में की।
इस अवसर पर घोषित नायब सज्जादा नशीन एवं उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती को खिलअत पहनाया कर खिलाफत भी दी गई। दरगाह दीवान ने अधिकृत रूप से अपना उत्तराधिकार एवं खिलाफत नसीरुद्दीन चिश्ती को सौंपने के बाद अब नायब सज्जादा नशीन के रूप में दरगाह में होने वाली धार्मिक रस्मों में भाग लेंगे। खिलाफत प्रदान करने के बाद दरगाह की शाही चौकी इसरार हुसैन और उनके साथियों के द्वारा मुबारकबाद की कव्वाली पेश की गई।
दरगाह दीवान ने उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद उनकी दस्तारबंदी की इसके बाद दरगाह कमेटी दरगाह ख्वाजा साहब की और से दरगाह कमेटी के अध्यक्ष शेख अलीम उपाध्यक्ष खान सईद मोहम्मद एवं सदस्य जावेद पारेख ने सैयद नासिर उद्दीन चिश्ती की दस्तारबंदी की इसके अलावा दरगाह के मौरूसी अमले कि और से सदर हाजी शब्बीर खान सैयद नसीरुद्दीन की दस्तारबंदी की गई।