अजमेर। अजमेर स्थित विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने कहा है कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को वापस लेकर अखंड कश्मीर का सपना पूरा हो सके।
आबेदीन ने भारतीय सेना के नए सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाणे के पीओके पर दिए बयान के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जब सेना तैयार है तो भारतीय संसद को सेना को आदेश देना चाहिए कि वह पीओके को भारत में सम्मिलित करें।
दीवान ने कहा कि संसद ने 1994 में प्रस्ताव पारित करके स्पष्ट कहा था कि पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है। अब समय आ गया है कि भारत अपने इस अभिन्न हिस्से को वापस लाकर कश्मीर को संपूर्ण कश्मीर बनाए बल्कि अखंड कश्मीर का सपना भी पूरा करें। उन्होंने कहा कि भारत के लिए वह ऐतिहासिक दिन होगा जब पीओके का विलय भारत में हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज भारत का हर नागरिक केन्द्र सरकार और सेना के साथ है। सेना के हर कदम पर देश का नागरिक उनके साथ खड़ा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि सेना प्रमुख ने कहा था कि संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा है। यदि संसद यह चाहती है कि पीओके को भारत में होना चाहिए और हमें इस बारे में आदेश मिलेंगे तो हम उचित कार्रवाई करेंगे।
कौन हैं जैनुअल आबेदीन
आबेदीन भारत की अपेक्स कोर्ट के अनुसार ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (ख़्वाजा गरीब नवाज) द्वारा स्थापित अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान (आध्यात्मिक खादिम) हैं। वे ख्वाजा गरीब नवाज के उत्तराधिकारी हैं और उन्हें दरगाह दीवान के नाम से भी जाना जाता है। आबेदीन 22वीं पीढ़ी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के पोते के रूप में प्रत्यक्ष वंशज हैं।