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शरीयत के नाम पर आतंक कर इस्लाम को बदनाम कर रहा है तालिबान : दरगाह दीवान - Sabguru News
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शरीयत के नाम पर आतंक कर इस्लाम को बदनाम कर रहा है तालिबान : दरगाह दीवान

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शरीयत के नाम पर आतंक कर इस्लाम को बदनाम कर रहा है तालिबान : दरगाह दीवान

अजमेर। अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान क्रूर तालिबान शासकों के हाथ में आने के साथ ही भारी तबाही, औरतों पर बंदिशें और मामूली अपराधियों को अंग-भंग कर देने का शासन शुरू हो गया।

एक प्रेस वार्ता के दौरान दरगाह दीवान ने कहा कि शरीयत के कानून के नाम पर यह सब करना इस्लाम में अपराध है। इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। याद रहे हमें इस्लाम को अल्लाह के रसूल ने जिस खूबसूरत शकल में दिया और उन के बाद चारों ख़लीफ़ाओं ने इसी शरीयत के तहत आम लोगों के साथ ख़ास तौर से औरतों और बच्चों के साथ जिस तरह इंसाफ़ और मोहब्बत क़ायम की वह आज भी दुनिया के लिए एक बड़ी मिसाल है।

हज़रत इमाम हुसैन (अस) की शहादत जो इस्लाम की हर तस्वीर को दिखाती है आप का सब्र आपका इंसाफ़ और आप की हक परस्ती आज भी दुनिया को इस्लाम की सही तस्वीर सिखाती है।

उन्होंने कहा की आज मुस्लिम जगत का प्रत्येक देश शरिया कानून के तहत आम लोगों को सम्मान पूर्वक जीने के लिए उनके बुनियादी मौलिक अधिकार देने के लिए बाध्य है। भारतीय मुसलमान होने के नाते मैं अपने भाइयों और बहनों से विशेष रूप से देश के युवाओं से अपील करता हूं कि धर्म के नाम पर किसी भी तरह के झूठे प्रचार में न पड़ें।

हमारा पड़ोसी देश अफगानिस्तान पहले से ही एक इस्लामी गणतंत्र है और वहा शरिया कानून पहले से ही पिछली सरकारों द्वारा चलाया जा रहा था, लेकिन तालिबान जिस शरिया कानून के बारे में बात कर रहा हैं वह पूरी तरह से अलग हैं। उन्होंने शरिया कानून की व्याख्या अपने एजेंडे के अनुसार आतंकवाद और शासन के एजेंडे को पूरा करने के लिए की है जबकि शरिया कानून स्पष्ट रूप से महिलाओं बुजुर्गों और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है।

अपनी अवाम के साथ इंसाफ़ और अमन से रहने के लिए बाध्य करता है। शरीयत ने आम नागरिकों, महिलाओं, बच्चों और निर्दोष लोगों को मारने की अनुमति कभी नहीं दी है, इसलिए विश्व समुदाय को इसके बारे में पता होना चाहिए कि तालिबान जिस शरिया के बारे में बात कर रहा है वह उनके द्वारा अपनी आतंकी सोच की व्याख्या के अनुसार है।

उन्होंने कहा कि मैं भारतीय भाइयों बहनों को बताना चाहता हूं कि हमारे पडौसी देश अफगानिस्तान में क्या चल रहा है, यह हम सभी के लिए एक सबक है की धन, प्रसिद्धि, राजनीतिक शक्ति का आपके जीवन में कोई मोल नहीं है क्यों की यदि राष्ट्र है तो हम हैं, हमारा राष्ट्र सुरक्षित है तो हम सुरक्षित है। इसलिए हमें राष्ट्र हित को हमेशा ऊपर रखना चाहिए। हमारा पहला कर्तव्य हमारे देश को बचाना, देश में एकता और अमन कायम रखना होना चाहिए बाद में हमें अपने बारे में सोचना चाहिए।