अजमेर। राजस्थान में अजमेर दरगाह के दीवान एवं मुस्लिम धर्मगुरु जैनुअल आबेदीन ने मुल्क की तमाम मुस्लिम बिरादरी से आग्रह किया है कि शबे रात नौ अप्रैल को वे अपने पूर्वजों की कब्रों पर न जाएं एवं घर पर ही रहकर दुआ करें, इबादत करके सबाव पहुंचाएं।
आबेदीन ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि उनकी सभी मुस्लिम परिवारों से गुजारिश है कि बराए मेहरबानी वे अपने बच्चों एवं परिजनों को हिदायत दें कि वे कोरोना महामारी के चलते घरों से निकलने की गलती न करें और अपने पूर्वजों को घर में ही बैठकर याद करें। मौजूदा हालातों में यही मुनासिब रहेगा।
उन्होंने कहा कि हुकूमत की गाइडलाइन का पूरा पालन करते हुए इंसानियत को बचाने में सभी भागीदार बने। किसी एक की गलती दूसरों को कौम पर उंगली उठाने का मौका देती है जिससे पूरी कौम बदनाम होती है। उन्होंने दोहराया कि शबे बारात मुबारक मौके पर सभी मुस्लिम अपने अपने घरों में रहकर पूर्वजों को याद करें।
उल्लेखनीय है कि मुस्लिम बिरादरी में शबे रात ऐसा मुबारक दिन है जब लोग घरों से निकलकर अपने बुजुर्गों की कब्र पर पहुंचकर दुआ करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण पाबंदियां है इसको ध्यान में रखते हुए दरगाह दीवान का उक्त बयान बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ध्यान रहे कि दरगाह दीवान के पुत्र सैयद नसीरुद्दीन स्वयं चौदह दिनों के लिए होम क्वारंटाइन हैं। वे पंद्रह मार्च को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद अजमेर पहुंचे थे और उसके बाद पांच दिन पूर्व ही केंद्रीय आदेश पर अजमेर में होम क्वारंटाइन किया गया था।