अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान एवं सज्जादानशीन जैनुअल आबेदीन अली खान ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) सहित अन्य पांच संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंध का स्वागत किया है।
अजमेर में आज जारी बयान में दरगाह दीवान ने कहा कि देश की हुकूमत को पांच साल पहले ही ऐसे देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त संगठनों को प्रतिबंधित कर देना चाहिए था लेकिन उन्होंने अपनी सरकारी खुफिया एजेंसियों के जरिए पड़ताल के बाद प्रतिबंध की कार्यवाही की जो तारीफ ए काबिल है।
उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जमाते हो जो देश हित के खिलाफ संगठित एवं सक्रिय हो हुकूमत आगे भी सख्त कार्यवाही करें ताकि वे लोग अपने मकसद मे कामयाब न हो।
ज्ञदरगाह दीवान ने कहा कि देश की एकता, अखंडता व भाईचारा बना रहा इस बात के निरंतर प्रयास होने चाहिए। देश के साथ गद्दारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने देश के नौजवानों से खासतौर पर अपील की कि वे किसी भी जमात के बहकावे में न आए।
चिश्ती ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का किया स्वागत
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन कौंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पीएफआई एवं अन्य सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की कार्यवाही का स्वागत किया है।
कौंसिल के अजमेर मुख्यालय से जारी बयान में सैयद नसीरुद्दीन ने कहा कि कौंसिल का मानना है कि कानून की अनुपालना और आतंकवाद की रोकथाम के लिए अगर यह कार्यवाही की गई तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए, साथ ही सरकार और जांच एजेंसी के इस कदम का स्वागत करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश अगर सुरक्षित है तो हम सब सुरक्षित है। किसी भी संस्था या विचार से बड़ा देश होता है और यदि कोई देश को तोड़ने की बात करता है, वहां के अमन को खराब करने की बात करता है तो उसे देश में रहने का कोई जमीनी हक नहीं।
कौंसिल भारत की एकता, सम्प्रभुता और देश के अमन के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी देश विरोधी ताकतों के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए कृति संकल्पित है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे पीएफआई के आरोपों पर गौर करते हुए देश की स्थिरता और शांति के लिए प्रयास में मदद करें।
उल्लेखनीय है कि कौंसिल ने गत 30 जुलाई को दिल्ली में आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सामने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। याद रहे कौंसिल देशभर की दरगाहों के सज्जादानशीनों और कानखाहो की प्रमुख संस्था है।