अजमेर। राजस्थान में ईदुलफितर के मौके पर विश्व प्रसिद्घ ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का जन्नती दरवाजा शुक्रवार तड़के खोला जाएगा।
जन्नती दरवाजा सुबह 4.30 पर खोला जायेगा और खिदमत के बाद दोपहर 2.30 बजे बंद कर दिया जाएगा। कोविड नियमों के तहत चुनिंदा खादिम ही प्रवेश कर सकेंगे।
बुधवार को चांद नहीं दिखने के कारण ईद शुक्रवार को मनाई जाएगी और आज चांद की 30 तारीख मानते हुए आखिरी रोजा मनाया जा रहा है। ईद के दिन जुम्मा भी होगा। कोरोना के चलते लोग घरों में रहकर ही ईद का पर्व मनाएंगे।
ईदुलफितर की सार्वजनिक नमाज नहीं होगी : नाजिम
अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन ने आज ऐलान किया कि दरगाह शरीफ स्थित जामा मस्जिद, संदली मस्जिद तथा केसरगंज स्थित ईदगाह पर ईदुलफितर की सार्वजनिक नमाज नहीं होगी।
हुसैन ने शहर काजी तौसीफ अहमद सिद्दीकी तथा अंजुमन सचिव वाहिद हुसैन अंगारा के साथ मशवरा कर निर्णय लिया कि कोरोना महामारी के चलते सभी धार्मिक स्थल बंद है और सरकार की ओर से भी अपील की गई है कि लोग घरों में ही पूजा, प्रार्थना, इबादत और नमाज अदा करें। लिहाजा इस बार भी वे घरों से बाहर न निकलें और घरों पर ही रहकर ईद की नमाज के साथ साथ खुशियां भी जाहिर करें।
नाजिम ने कहा कि हर इंसान की जिंदगी बहुत अहम है। कोरोना महामारी इन दिनों नौजवानों, बच्चों और बुजुर्गों को भी अपना निशाना बना रही है इसलिए सभी से गुजारिश है कि वे खुशी के त्योहार ईद को घर पर ही मनाएं और कहीं पर भी नमाज के लिए बाहर न निकले।
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