अजमेर। अजमेर के महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह शरीफ में दरगाह कमेटी एवं दोनों अंजुमनों की रजामंदी के बाद रात 11 बजे से सुबह चार बजे तक के लिए दरगाह परिसर में इबादत के स्थान तय किए हैं।
इसके लिए दरगाह कमेटी की ओर से दरगाह परिसर में बड़े बड़े सूचना पट्ट लगाई गए हैं। दरगाह नाजिम शकील अहमद ने बताया कि रात की खिदमत के बाद कई महिला-पुरुष जायरीन दरगाह में सर्वत्र फैले रहते हैं। इसको नियंत्रण में करने के लिए इबादत के स्थान तय किए गए है।
खासकर रात 11 बजे से सुबह चार बजे तक के लिए आहता-ए-नूर, पायंती गेट, जन्नती दरवाजा, शहांजहांनी मस्जिद, संदलखाना मस्जिद पर जायरीन रात में खुदा की इबादत कर सकेंगे। अकबरी मस्जिद को इससे अलग रखा गया है।
दरगाह कमेटी का कहना है कि इससे व्यवस्थाओं में सुधार होगा। इधर अंजुमन से जुड़े लोगों का कहना है कि कई बार असामाजिक महिला पुरुष दरगाह परिसर में डेरा डाले रहते हैं और परस्पर झगड़ा भी करते हैं। जिसके चलते रात में माहौल तो खराब होता ही है, साथ ही इबादत करने में भी खलल पड़ता है।
अब नई व्यवस्था के तहत नियत स्थानों पर ही इबादत की जा सकेगी और अवांछित महिला पुरुषों को दरगाह कमेटी के कारिंदे बाहर का रास्ता दिखा सकेंगे।