अजमेर। अजमेर डिस्कॉम, टाटा पावर एवं हार्टफुलनेस संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय मेडिटेशन कार्यशाला हाथीभाटा स्थित पावर हाउस में आयोजित हुई। इसमें अधिकारियों एवं कार्मिकों ने मेडिटेशन के माध्यम से एकाग्रता के साथ कार्य करना सीखा। इससे संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम में मदद मिलेगी।
हार्टफुलनेस संस्थान के अजमेर केन्द्र समन्वयक शैलेष गोड़ ने बताया कि तीन दिवस की कार्यशाला में ध्यान, शुद्धीकरण एवं प्रार्थना के विषय में प्रायोगिक जानकारी प्रदान की गई।
प्रतिभागियों ने स्वयं ध्यान करके देखा तथा इससे होने वाले अनुभवों को एक दूसरे से साझा किया। ध्यान करने से व्यक्ति के बोद्धिक एवं मानसिक स्तर में सुधार होता है। इससे एकाग्रता में वृद्धि होती है। एकाग्रता बढ़ने से व्यक्ति के कार्य में परफेक्टनेस आती है।
कार्यशाला समन्वयक अंकुर तिलक गहलोत ने बताया कि विद्युत से संबंधित कार्य करने वाले फिल्ड स्टाफ के लिए यह कार्यशाला विशेष रूप से उपयोगी रही। इससे उनकी कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होगी। एकाग्रता के कारण वे कार्य को अच्छी तरह से सम्पादित कर पाएंगे। इससे दुर्घटनाओं की आशंकाएं कम होगी।
दुर्घटनाओं की रोकथाम करने में इस प्रकार के ध्यान सत्र कारगार साबित होंगे। इनके नियमित अभ्यास से दुर्घटना रहित कार्य सम्पादन में सहयोग मिलेगा। टाटा पावर एवं अजमेर डिस्कॉम के अधिकारी एवं कार्मिक एक बेहतर माहौल में शत प्रतिशत परिणाम देने में सक्षम होंगे।
उन्होंने बताया कि तीसरे दिन का सत्र प्रशिक्षक अमिन्दर कौर मेक ने लिया। सत्र के दौरान अजमेर वृत के मुख्य अभियंता एमबी पालीवाल को हार्टफुलनेस संस्थान के अन्तर्राष्ट्रीय मार्गदर्शक कमलेश डी पटेल द्वारा लिखित पुस्तक दा हार्टफुलनेस वे भेंट की गई।
यह पुस्तक राश्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा विमोचित है। भविष्य में भी प्रत्येक मंगलवार को इस तरह के ध्यान सत्र दोपहर 1.45 से 2.30 बजे तक हाथीभाटा पावर हाउस स्थित कॉफ्रेंस हॉल में आयोजित होंगे। इस अवसर पर एवं योग प्रशिक्षक यतिन्द्र उपाध्याय एवं आध्यात्मिक प्रशिक्षक गिरीश गुप्ता के द्वारा विभिन्न विषयों पर सत्र लिए गए।