अजमेर। राजस्थान विधानसभा के लिए टिकट मिलने की आस लगाकर बैठे कई नेता मायूस हैं तो कुछ ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में खम ठोकने का ऐलान कर दिया है। अजमेर दक्षिण से हेमन्त भाटी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद पूर्व विधायक ललित भाटी ने सीधे आलाकमान को चुनौती देते हुए निर्दलीय के रूप में पर्चा दाखिल करने की घोषणा की है।
शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वे बार बार टिकट बांटने की प्रक्रिया के बारे में यह कहते रहे कि न तो पैराशूटरों को टिकट देंगे और कोई पैराशूट से उतरने की कोशिश करेगा तो मैं हवा में ही उसकी रस्सी काट दूंगा। राजस्थान में पार्टी की पहली सूची में 152 में ऐसे कई पैराशूटर हैं जिनकों पार्टी में आए 5 मिनट और 5 घंटे हुए और उन्हें टिकट से नवाज दिया गया।
हमें कहा जाता रहा कि प्रत्याशी चयन में संगठन स्तर पर फीडबैक लेकर ही निर्णय लिया जाएगा। पारदर्शिता बरते जाने का दावा किया जाता रहा। अब सवाल उठता है कि जब संगठन से ही फीडबैक लिया गया है तो फिर कार्यकर्ता क्यों नाराज हैं, उन्हें नाराज नहीं होना था। जाहिर सी बात है फीडबैक कुछ ओर था लेकिन निर्णय कुछ ओर लिया गया। इसके पीछे क्या वजह रही ये तो टिकट देने वाले जानते हैं या फिर टिकट पाने वाले ही इस बारे में कुछ बता सकते हैं। पारदर्शिता रखी तो कार्यकर्ता नाराज क्यों हैं। पार्टी को समझ लेना चाहिए मतदान में नोट नहीं बल्कि वोट डलते हैं, जनता का वोट ही मेरी असली ताकत है।
भाटी ने दो टूक कहा कि कार्यकर्ताओं में पार्टी के फैसले से जबरदस्त नाराजगी है। कार्यकर्ताओं के आदेश की पालना करने को मैं मजबूर हूं। यह पार्टी को सोचना है कि कार्यकर्ता क्यों नाराज हो रहे हैं। सालों साल से पार्टी के लिए जो कार्यकर्ता खून पसीना बहा रहा है उसके दिल पर क्या गुजर रही है। पार्टी को अब भी अवसर है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
भाटी ने कार्यकर्ताओं की भावनाओं के सम्मान में निर्दलीय के रूप में चुनाव लडने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 36 कौम और सबकी शुभकमनाए मेरे साथ है। साल 1998 से 2003 तक विधायक के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान हुए विकास के काम जनता भूली नहीं है। एडीबी योजना में शहर का चुनाव हुआ, सेटेलाइट अस्पताल बना, शहर में पहली बार पेवर रोड बनीं। पेयजल के लिए योजनाबद्ध तरीके से पाइप लाइन बिछाने का काम हुआ। मैं अजमेर शहर के विकास का विजन के साथ चुनाव समर में उतर रहा हूं। शहर का विकास, जनता ही सेवा ही मेरा ध्येय है।
भाई हेमन्त से कोई नाराजगी नहीं
छोटे भाई हेमंत भाटी को टिकट मिलने से नाराजगी को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उसे मेरा पूरा आशीर्वाद है। बचपन में उंगली पकडकर चलना सिखाया, स्कूल भेजा तो क ख ग बोलना बताया। बडा हुआ तो साइकिल चलाना सिखाया। वर्ष 2013 में जब उसने चुनाव लडा तो पूरे समय साथ रहा। पार्टी उम्मीदवार के तौर पर उसका पूरा साथ दिया। इसलिए नाराजगी जैसी कोई बात ही नहीं है। यह नाराजगी तो पार्टी के फैसले से है। कार्यकर्ताओं के बिना न तो कोई नेता बनता है और न कोई पार्टी।
संयम लोढा का टिकिट कटने से कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी, निर्दलीय लड़ने का दबाव
टिकट नहीं मिलने से कांग्रेस में बगावत, अजमेर में भाई से खफा भाई