अजमेर। प्यार करने वालों और एक दूजे के साथ सात फेरे लेने की चाहत रखने वालों के लिए दुनिया भले ही दुश्मन हो लेकिन अजमेर जिला प्रशासन तो उनके स्वागत में मानों हरदम तैयार है। आलम यह है कि अजमेर में प्रतिदिन कोई न कोई युगल जोडा शादी करने की चाहत में कलेक्ट्रेट पहुंचता है।
ये शादी सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष होती हैं। कागजी खानापूति के बाद शादी पंजीकृत हो जाने से उसे हाथों हाथ कानूनी मान्यता मिल जाती है। शुक्रवार को ऐसा ही जोडा जीवन साथी बनने की चाहत में पहुंचा और शादी पंजीकृत कराकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत की। खास बात यह रही कि युवक शुक्रवार को ही कानूनी रूप से 21 साल का हुआ था और युवती 19 साल की।
कलेक्ट्रेट में देव कभी नहीं सोते
शादी के लिए मुहूर्त, पंडित, परिजन और भी न जाने कितनी रस्म और रिवाज को निभाना होता है। खासकर देव सो जाने के दौरान तो शादी होना नामुमकिन सा होता है। इस सब झंझटों से दूर अजमेर कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित मंदिर में पृथ्वीनाथ महादेव न सोते हैं न शादी के लिए आने वालों को कभी निराश करते हैं। बस, कागजी खानापूति के लिए एक वकील ढूंढिए, मन्दिर में एक-दूसरे को माला पहनाइए और हो गई शादी। इस मंदिर में शादी के नजारे आम हैं।