अजमेर। पांचवां अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल-2018 शुक्रवार को आगाज से पहले सुर्खियों में आ गया। इस फेस्टिवल के उदघाटन के लिए आ रहे अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के एक बयान ने देशभर में फिर से एक नई बहस को जन्म दे दिया।
शाह ने कहा है कि मैं अपने बच्चों के लिए चिंतित महसूस करता हूँ क्योंकि कल अगर भीड़ उन्हें घेर लेती है और पूछता है, क्या तुम हिन्दू हो या मुसलमान? उनका कोई जवाब नहीं होगा, जहर तो समाज में ही फैल चुका है। कानून को अपने हाथों में ले जाने वालों के लिए पूरी सजा है। हमने पहले ही देखा है कि एक गाय की मौत आज के भारत में एक पुलिस अधिकारी की तुलना में अधिक महत्व है।
कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद हिंसा भड़क गई थी।इस हिंसा के दौरान किसी ने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई।
शाह द्वारा दिए गए बयान पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो रही है। कई राजनीतिक दलों ने शाह के बयान को देशविरोधी करार दिया है। कुछ उनके बयान को पाकिस्तान परस्ती से जोडकर देख रहे हैं।
शुक्रवार अपराह्न दो बजे मूलचंद चौहान पटेल इंदौर स्टेडियम में अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज होना है। शाह इसमें शिरकत करने वाले हैं। यह फेस्टिवल भी अब सुर्खियों में आ गया, क्योंकि शाह के बयान के खिलाफ कुछ संगठनों ने मोर्चो खोल दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि शाह को फेस्टिवल का उदघाटन नहीं करने दिया जाएगा।
बतादें कि 23 दिसम्बर तक चलने वाले इस साहित्योत्सव का उद्घाटन मशहूर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह करेंगे। दी लिटरेरी सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय साहित्यिक महाकुंभ में लेखक, विचारक, पत्रकार और बुद्धिजीवी साहित्य, सिनेमा, पत्रकारिता सहित कई मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे।
दी लिटरेरी सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय साहित्यिक महाकुंभ में लेखक, विचारक, पत्रकार और बुद्धिजीवी साहित्य, सिनेमा, पत्रकारिता सहित कई मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे।
सोसाइटी के राष्ट्रीय संयोजन एवं फेस्टिवल समन्वयक कवि रास बिहारी गौड़ ने बताया कि नसीरुद्दीन शाह की नई पुस्तक फिर एक दिन का विमोचन समारोह नसीर की नजीर सत्र में होगा। यह सत्र दोपहर 2.30 बजे से 3.15 बजे तक चलेगा। पुस्तक पर चर्चा के लिए लेखक, आलोचक सैफ महमूद, अभिनेत्री शाह और रासबिहारी गौड़ रहेंगे।
पहले दिन अपराह्न 3.30 बजे से वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना के साथ कवि अनिरुद्ध उमठ कविता सुनो प्रियजनों सत्र में सक्सेना की कविताओं का वाचन एवं चर्चा करेंगे।
चौथे सत्र में धर्म-आस्था या आडम्बर विषयक सत्र में लोकप्रिय कवि एवं वैदिक धर्म के ज्ञाता मदन मोहन समर के साथ पंजाबी कवि व सिख इतिहास के लेखक बक्शीश सिंह और सूफी मत के अनुयायी सलमान चिश्ती विमर्श करेंगे।
संचालन युवा लेखक विनोद शर्मा करेंगे। द लीगेसी आफ स्टोरी, माय सर विषय पर अजमेर की लेखिका शैफाली मार्टिन्स के साथ कवि अनन्त भटनागर बातचीत करेंगे। शाम 5.15 बजे से व्यंग्यकार संपत सरल मशहूर व्यंग्य लेखक मुश्ताक अहमद यूसुफी के व्यंग्य अंशों को पढ़कर बताएंगे।
शाम 6.15 बजे के सत्र में निर्मल वर्मा की चर्चित कहानी डेढ़ इंच ऊपर का वाचिक मंचन मुद्रा थिएटर के राजेन्द्र सिंह करेंगे। साथ ही दीपक शर्मा द्वारा अजमेर के वैशिष्ट्य को लेकर कला दीर्घा, अभिनव प्रकाश द्वारा फेस्टिवल बुक कार्नर, फेस्टिवल फूड कोर्ट, सेल्फी कॉर्नर इत्यादि उत्सव का आकर्षण रहेंगे।
फेस्टिवल की मीडिया सेल ने बताया आने वाले दो दिन में गांधीवादी चिंतक डॉ सुधीर चंद्र, लंदन से पत्रकार एवं स्तंभकार डॉ. आलम परवेज, बीबीसी की हिंदी विभाग प्रमुख अचला शर्मा, एनडीटीवी से अभिज्ञान प्रकाश, प्रसिद्ध व्यंग्यकार प्रदीप चौबे, पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी, प्रसिद्ध शायर अशोक लाल, सुप्रसिद्ध युवा गीतकार मनीषा शुक्ला, अमन अक्षर, लेखिका कोमल आहूजा, कहानीकार दिव्या विजय, अजमेर से डॉ नवलकिशोर भाभड़ा, सुरेन्द्र चतुर्वेदी, गोपाल गर्ग, शमा खान, संदीप अवस्थी, विमलेश शर्मा, उमेश चौरसिया, गौरव दुबे सहित अनेक कवि और साहित्यकार भाग लेंगे।