अजमेर। जिला मजिस्ट्रेट ने विश्व मोहन शर्मा ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एवं समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेटों को रमजान माह के दौरान भी लॉकडाउन निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारी मुस्लिम धर्मगुरूओं और विभिन्न प्रचार माध्यमों से निर्देशों की पालना तय करेंगे।
शर्मा ने बताया कि जिले में वर्तमान में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के प्रभावी होने के कारण सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए रमजान माह के दौरान कोरोना वायरस की रोकथाम एवं बचाव के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एवं समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्रों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से धार्मिक पदाधिकारियों से पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम, व्हाट्स एप, सोशल मीडिया, मोबाइल एवं ऑडियो -वीडियो के माध्यम से कार्यवाही करेंगे।
उन्होंने बताया कि रमजान माह में मुस्लिम समुदाय के लोग तरावीह और दीगर फर्ज नमाज अपने-अपने घरों में रहकर ही अदा करेंगे। इस दौरान रोजा अफ्तार पार्टी बिलकुल नहीं की जाएगी। रमजान माह में घर पर सामूहिक रूप से तरावीह का इंतजाम नहीं करेंगे एवं अपने घर पर तरावीह के लिए मौहल्ले के व्यक्तियों, पडौसियों एवं रिश्तेदारों को जमा नहीं करेंगे। तरावीह के बाद मौहल्ले में सामूहिक रूप से एकत्र नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि मौहल्ले के लोगों अथवा रिश्तेदारों को जमा करके उनके साथ इफ्तार नहीं करेंगे। किसी भी शरई, मसाईल को जानने के लिए फोन पर शहर काजी एवं मौलाना से राब्ता कायम करें। इसके लिए ना तो बाहर निकले और ना ही चौराहों एवं गलियों में बैठे। महफिल, मेहमान नवाजी वगैरह बिलकुल ना करें। ख्वाह किसी भी तरह की हो, रमजान के दौरान या पहले कोई भी मजहबी महफिल कायम ना करें।
उन्होंने कहा कि सामूहिक नमाज चाहे वह धर्म स्थल पर हो या सार्वजनिक स्थल पर अनुमत नहीं होगी। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मौलाना नमाज के समय केवल अजान ही मस्जिद से दिया जाना सुनिश्चित करेंगे। मौलाना यह भी समझाईश करेंगे कि नमाज के लिए कोई भी व्यक्ति मस्जिद में ना आए।
उन्होंने कहा कि समाज के समस्त प्रतिनिधियों से यह आग्रह किया गया है कि वे मुक्कमल तौर पर घर पर रहे और प्रशासन के निर्देशों पर अमल करें। अपने क्षेत्र में निवासरत व्यक्तियों को मास्क पहनने, सेनेटाइजर का प्रयोग करने तथा समय-समय पर हाथों को धोने के लिए प्रेरित करें। साथ ही अपने मुंह, नाक एवं आंखों छूने से बचे।
वजूह के बाद अलग-अलग तौलिए का उपयोग करें। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखें। शबे कदर की रात के समय सामाजिक दूरी बनाए रखना सुनिश्चित करें। मुसाफह गले मिलने से बचे। सहरी के पश्चात कोई घर से बाहर नहीं जाए।
उन्होंने कहा कि संबंधित मजिस्ट्रेटों द्वारा अंजुमन सदर एवं शहर काजी के माध्यम से प्रत्येक मस्जिद में ईमाम के माध्यम से सेहरी फज्र के समय एवं इफ्तार मगरीब के समय मस्जिद के माईक से इन निर्देशों का प्रचार प्रसार करवाया जाएगा। रमजान की अवधि में नींबू, खजूर आदि फलों की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।
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