अजमेर। राजस्थान में पहले चरण में 29 अप्रेल को होने वाले लोकसभा चुनाव में अजमेर संसदीय क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस के दोनों नए उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला होने का आसार हैं।
अजमेर में पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी भाजपा तथा उद्योगपति रिज्जु झुनझुनवाला कांग्रेस के प्रत्याशी है तथा बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार दुर्गा प्रसाद रेगर एवं एपीओआई के विश्राम बाबू सहित कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें सोनिया रेगर निर्दलीय के रुप में एक महिला भी चुनाव मैदान में उतरी है। इनमें मुख्य मुकाबला चौधरी एवं झुनझुनवाला के बीच ही होने की संभावना है।
अजमेर में इस बार किसी की लहर नजर नहीं आ रही है लेकिन भाजपा प्रत्याशी किशनगढ से वर्ष 2003 एवं 2013 में दो बार विधायक रह चुके हैं और उनका राजनीतिक प्रभुत्व रहा है जबकि झुनझुनवाला उद्योगपति है और पूर्व पर्यटन मंत्री बीना काक के दामाद हैं। दोनों प्रमुख दलों के दोनों प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में नए चेहरे हैं और दोनों के सामने अपनी चुनावी प्रतिष्ठा कायम करने की कड़ी चुनौती है।
चौधरी ने चुनाव के लिए पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित करते ही अपना चुनाव प्रचार शुरु कर दिया था और पार्टी के नेताओं पूर्व मंत्री एवं विधायक वासुदेव देवनानी, अनीता भदेल तथा अन्य नेताओं के साथ चुनाव प्रचार में तेजी ला रखी है।
भाजपा इस चुनाव में गत फरवरी में पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बने माहौल का पूरा फायदा उठा रही है। केन्द्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों के कारण मोदी लहर के चलते अपनी जीत का दावा कर भी कर रही है।
अजमेर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में पार्टी के राजस्थान प्रभारी एवं केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर तथा अन्य नेता चुनाव प्रचार कर मोदी के हाथ में देश सुरक्षित एवं मजबूत सरकार की जरुरत की बात कर मतदाताओं के सामने अपनी बात रख रहे हैं। हालांकि अभी इनसे बड़े नेताओं की सभा नहीं हुई और बड़े नेताओं की सभा होने पर चुनाव प्रचार भी परवान चढेगा।
उधर, कांग्रेस प्रत्याशी ने भी जगह जगह चुनाव प्रचार शुरु कर दिया है और उसके पक्ष में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा सहित कई नेता चुनाव सभा कर चुके हैं। कांग्रेस के भी अभी दिल्ली से किसी बड़े नेता की सभा नहीं हुई हैं और शीघ्र ही पार्टी के स्टार प्रचारक सोनिया गांधी एवं पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई नेताओं की सभा होने की संभावना है।
अजमेर में इस बार भी चुनाव में पानी की समस्या को लेकर मुद्दा सामने आ रहा है। बीसलपुर बांध से अजमेर के अलावा भीलवाड़ा, टोंक, और जयपुर को भी दिया जा रहा है। जिससे जिले की जनता आक्रोशित है। बिजली, सड़क, सफाई जैसी मूलभूत जरुरतें भी है। पिछले लोकसभा उपचुनाव में भी दोनों प्रमुख दलों के समक्ष भी ये मुद्दे रहे थे।
अजमेर संसदीय क्षेत्र में अजमेर जिले के सात विधानसभा क्षेत्र अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, पुष्कर, केकड़ी, नसीराबाद, मसूदा, किशनगढ़ और एक जयपुर जिले का दूदू क्षेत्र आता है जहां कुल 18 लाख 76 हजार 346 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें 18 लाख 58 हजार 461 सामान्य मतदाता, 14345 दिव्यांग मतदाता तथा 3530 सर्विस मतदाता है।
जातिगत आधार पर अजमेर में करीब 2.5 लाख जाट, दो लाख ब्राह्मण, 1.75 लाख गुर्जर, 2.25 लाख मुसलमान, एक लाख वैश्य, एक लाख रावत, एक लाख सिंधी, एक लाख माली, 2.25 अनुसूचित जाति जनजाति के अलावा अहीर, यादव, कुमावत आदि जातियों के मत है।
इस बार चुनाव में भाजपा ने जाट प्रत्याशी पर दांव खेला है जबकि कांग्रेस ने वैश्य समुदाय से अपना बाहरी उम्मीदवार उतारा है, जिसे चुनाव में स्थानीय एवं बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा भी बनाया जा रहा है।
अजमेर में अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस ने 11 बार चुनाव जीता तथा भाजपा छह बार चुनाव जीत चुकी है जबकि एक बार भारतीय लोकदल का उम्मीदवार लाेकसभा पहुंचा है। अब तक हुए चुनावों में अजमेर संसदीय सीट पर वर्ष 1952 में अजमेर उत्तर एवं अजमेर दक्षिण से दो सांसद चुने गए।
इनमें अजमेर उत्तर से कांग्रेस के ज्वालाप्रसाद और अजमेर दक्षिण से कांग्रेस के मुकुट बिहारीलाल भार्गव ने चुनाव जीता। इसके बाद वर्ष 1957 और 1962 में फिर मुकुट बिहारीलाल भार्गव कांग्रेस, 1967 एवं 1971 में बीएन भार्गव, 1977 में श्रीकरण शारदा भारतीय लोक दल, 1980 में आचार्य भगवानदेव कांग्रेस, 1984 में विष्णु मोदी कांग्रेस के बाद लगातार तीन बार 1989, 1991 एवं 1996 में भाजपा से रासा सिंह रावत सांसद निर्वाचित हुए। लेकिन 1998 में कांग्रेस की प्रभा ठाकुर अजमेर से पहली महिला सांसद के रूप में चुनी गई।
अगले ही वर्ष 1999 में सरकार गिरने से हुए मध्यावती चुनाव में एक बार फिर रासा सिंह रावत भाजपा से चुने गए और 2004 में भी उन्होंने जीत हासिल की। रावत अजमेर से एकमात्र ऐसे उम्मीदवार थे जो पांच बार लोकसभा पहुंचे।
वर्ष 2009 में कांग्रेस से सचिन पायलट सांसद बने, 2014 में भाजपा के प्रो सांवरलाल जाट सांसद चुने गए और इनके निधन पर 2018 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डॉ. रघु शर्मा लोकसभा पहुंचे। बाद शर्मा केकड़ी से विधानसभा चुनाव जीता जो वर्तमान में राज्य के चिकित्सा मंत्री है।