अजमेर। राजस्थान में अजमेर नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन ने शहर में स्मार्ट सिटी योजना के कार्यों में अधिकारियों एवं ठेकेदारों में मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
जैन ने मंगलवार को मीडिया को जारी बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस मूल भावना के साथ अजमेर को स्मार्ट सिटी कार्यों की सौगात दी। यहां के अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलीभगत कर स्मार्ट सिटी कार्यों की मूल भावनाओं से छेड़छाड़ की जिसका खामियाजा भविष्य में अजमेर की जनता को ही उठाना पड़ेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी कार्यों निर्माण में स्थानीय स्तर की घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है जिसके कारण निर्माण भी अच्छी गुणवत्ता वाले नहीं हो पाए हैं। इसका ज्वलंत उदाहरण सूचना केंद्र परिसर का ओपन थिएटर है जहां प्लास्टर उखड़े हुए हैं और कई जगह दरारें भी है।
इसी तरह आनासागर के चारों ओर बनाए गए पाथवे भी घटिया सामग्री से निर्मित किए गए हैं। यह निर्माण लंबे समय तक ठहरने वाले नहीं हैं। आनासागर के नो कंस्ट्रक्शन जोन में ही सैवन वंडर का निर्माण कर नियमों को धता बताई गई है।
शहर में बन रहा एलीवेटेड रोड निर्माण कार्य 2020 में ही पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन एडवांस राशि के बावजूद भी अब तक यह कार्य पूरा नहीं हुआ है और प्रशासनिक दावे के अनुसार एक भुजा पर शुरू किया जाने वाला यातायात भी शुरू नहीं हो सका है। जैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से अजमेर स्मार्ट सिटी निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।