अजमेर। राजस्थान में अजमेर नगर निगम की साधारण सभा के दूसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ और महापौर धर्मेंद्र गहलोत ने अपनी ही पार्टी के पार्षद चंद्रेश सांखला को निलंबित करके सदन से बाहर कर दिया।
आज दिन में बारह बजे पुनः शुरू हुई साधारण सभा में एकबार फिर नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार और गहलोत द्वारा कथित तौर पर हर महीने सभी पार्षदों को 18 हजार रुपए का लिफाफा दिए जाने का पार्षद चंद्रेश सांखला के आरोप पर हंगामा हुआ।
राजस्थान भाजपा के मीडिया सहप्रभारी एवं पार्षद नीरज जैन ने सदन में कहा कि मैं 18 हजार रुपए नहीं लेता और न ही लूंगा। इतना कहने पर कांग्रेसी व भाजपाई पार्षदों में सदन में खुलकर विरोध जताना शुरू कर दिया और नीरज जैन से पूछा कि आप नहीं लेते तो क्या हम लेते हैं? यह अप्रत्यक्ष तौर पर हम सभी पर सीधा आरोप है जिसके लिए वह माफी मांगे और अपना कथन वापिस ले।
पार्षद द्रौपदी देवी ने नीरज जैन के निलंबन की मांग की। इस पर महापौर ने दखल देते हुए कहा कि जिसने कल ये आरोप लगाया वह अब मुस्कुरा रहा है, लेकिन मैं मेयर होने के नाते यह कहे सकता हूं कि किसी भी पार्षद को न पैसे दिए जाते है न लिए जाते हैं।
उधर, आरोप लगाने वाले पार्षद चंद्रेश सांखला ने कहा कि वह अपनी इस बात पर कायम है कि पार्षदों को लिफाफे दिए जाते हैं और कई बार मुझे भी दिए हैं। इस पर महापौर धर्मेंद्र गहलोत ने सांखला को सदन से बाहर जाने के लिए कहा। सदन में मौजूद पार्षद रईस खान ने चंद्रेश सांखला को बाहर निकालने का प्रयास किया जिस कारण दोनों के बीच तकरार हुई। अन्य पार्षदों ने दखल देकर दोनों को अलग किया।
उल्लेखनीय है कि भाजपा पार्षद चंद्रेश सांखला ने कल साधारण सभा के पहले दिन महापौर धर्मेंद्र गहलोत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा था कि वह पार्षदों को प्रतिमहीने 18 हजार रुपए का लिफाफा देते हैं। जिस पर सदन में व्यापक हंगामा हुआ और सदन को स्थगित करना पड़ा। इस बीच साधारण सभा के एजेंडे के अनुसार वर्ष 2020-21 के लिए 365.33 करोड़ का बजट पारित करके अन्य प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई।