अजमेर। नगर निगम की राजस्व अधिकारी रेखा जैसवानी को एसीबी की अजमेर ब्रांच की स्पेशल यूनिट ने गुरुवार शाम तीन हजार रुपए घूस लेते दबोच लिया। उसने यह राशि एक ठेला चालक से सडक पर ठेला लगाने की एवज में ली थी। दीगर बात यह है कि जैसवानी 7 दिन पहले ही निगम से एपीओ हो चुकी थीं। डीएलबी न उन्हें अविलंब निदेशालय में उपस्थिति देने का आदेश किया था।
एसीबी स्पेशल यूनिट के सीआई पारसमल पंवार ने बताया कि परिवादी चामुंडा चौराहे के समीप फायसागर रोड निवासी कमलेश कुमार सिंधी सुभाष उद्यान के के गेट नंबर दो पर सडक किनारे नींबू पानी का ठेला लगाता है।
उसने बुधवार को दी शिकायत में बताया कि ठेला सडक किनारे लगाने की एवज में राजस्व अधिकारी रेखा जैसवानी उससे तीन हजार रुपए की रिश्वत मांग रही है। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया। गुरुवार शाम को जैसवानी ने फोन करके कमलेश को तय रकम घर पर आकर देने को कहा। वह रकम लेकर उसके घर पहुंच गया।
उस समय जैसवानी घर की छत पर थी तथा उसने रिश्वत में ली गई रकम को चालाकी दिखाते हुए हाथ में नहीं लिया तथा परिवादी को कह दिया कि वह रुपए उनकी स्कूटी की डिक्की खोलकर उसमें रख दे। इसके कुछ देर बाद एसीबी की टीम ने जैसवानी के घर दबिश दी, जहां उन्हें रिश्वत की राशि समेत धर दबोचा गया।
जैसवानी को अरेस्ट कर क्रिश्चियनगंज थाने लाया गया तथा देर रात तक उनसे पूछताछ जारी रही। एसीबी की सीआई मीरा बेनीवाल ने जैसवाल के घर की तलाशी भी ली। उनके घर से कुछ नकदी, गहने व प्रोपर्टी संबंधी दस्तावेज मिले हैं।
चार माह से परेशान कर रही थी जैसवानी
परिवादी कमलेश ने बताया कि जैसवानी उसे चार माह से लगातार परेशान कर रही है। शुरु में पांच हजार रुपए देने की मांग की गई। तब 5 हजार रुपए दे भी दिए। इसके बाद उसने जैसवानी से कहा कि वह 1500 रुपए से ज्यादा दे पाने की स्थिति में नहीं है। लेकिन जैसवानी नहीं मानी और तीन तीन हजार रुपए ही वसूले। कमलेश का कहना है कि दिसंबर व जनवरी में सर्दी तेज होने से उसके नींबू पानी के ठेले पर ग्राहकी ना के बराबर हुई। ऐसे में घर खर्च चलाना ही मुश्किल हो रहा था। बच्चों की स्कूल फीस तक भरना मुहाल हो गया। ऐसे में रिश्वत कैसे देता। मजबूर होकर एसीबी को शिकायत की।