अजमेर। अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में फूल प्याला की सवारी निकालने के बाद आज तड़के फूलप्याले को सैराब कर दिया गया और मुस्लिम समुदाय में खुशियों का दौर लौट आया।
मोहर्रम के चालीस दिन पूरा हो जाने पर चेहल्लूम की रस्म के क्रम में दरगाह शरीफ में शनिवार रात फूलप्याला की सवारी निकाली गई जो दरगाह के मुख्य निजाम गेट से मर्सियाखुवानी के साथ शुरू हुई। सवारी फूल गली चौराहे से लंगरखाना गली होते हुए देर रात इमामबाड़ा पहुंची जहां फूलप्याला रखा गया और अकीदतमंद फूलप्याले की जियारत की।
इमामबाड़े से फूलप्याले की सवारी तड़के झालरा पहुंची और फूलप्याले को सैराब कर दिया गया। सैराब के साथ ही मोहर्रम के चालीस गमों के दिन का समापन हो गया और मुस्लिम समुदाय खुशी के कार्यक्रम कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि मोहर्रम हजरत इमाम हुसैन एवं करबला के शहीदों की याद में मातम मनाकर मनाया जाता है।