अजमेर। अजमेर में कई राजनीतिक, गैर राजनीतिक लोगों ने गुरुवार को राष्ट्र विचार मंच के बैनर तले आजाद पार्क में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के समर्थन में जन समर्थन रैली का आयोजन किया।
रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गौ सेवा संघ, वकीलों ने बड़ी संख्या मे शिरकत की साथ ही विभिन्न समाजों से जुड़े साधु संन्यासियों ने भी नागरिकता बिल का समर्थन करते हुए अपनी बात रखी।
प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा गया कि इस बिल के लागू होने से पाकिस्तान, बांग्लादेश, व अफगानिस्तान में रह रहे अथवा वहां से प्रताडित होकर भारत में शरणार्थी का जीवन जीवन जीने को मजबूर हजारों लाखों हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी समुदाय के लोग अब भारत के नागरिक बनकर स्वाभिमान के साथ जिंदगी जी पाएंगे।
आजाद में विशाल सभा के बाद राष्ट्र विचार मंच (rashtra vichar manch) के बैनर तले सभी लोग पैदल मार्च करते जिला परिषद, बस स्टैंड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम को समर्थन जताया और इसे पूरे देश में प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग की।
मंच के संयोजक रामबाबू शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम बनने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में रह रहे उपेक्षित, शोषित, पीड़ित अल्पसंख्यकों यथा हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी एवं जैन समुदाय के लोगों को स्वाभिमान एवं सम्मान से भारत में रहने का अवसर मिलेगा। इतना ही नहीं घुसपैठियों की पहचान भी हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि जो विरोधी तोड़फोड़ करके विरोध कर रहे हैं, मंच उसकी निंदा करता है। उन्होंने राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से इस कानून को प्रत्येक राज्य में लागू कराने की पहल करने की मांग की। रैली की विशेषता यह रही कि मात्र एक दिन की सूचना पर करीब 3 हजार लोगों ने इसमें भाग लिया। रैली की सूचना के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया।
रैली से पहले आजाद पार्क में आयोजित सभा में मुख्य वक्ता के रूप में जोधपुर उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सीमा कल्याण समिति के प्रदेश महामंत्री बंशीलाल ने कहा कि इस बिल में तीनों देशों के उपरोक्त समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का कानून बनाया गया है। क्योंकि वहां ये समुदाय अत्यंत दयनीय स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं।
संबोधन के दौरान उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि विभाजन के समय हिन्दू समाज पाकिस्तान में 23 प्रतिशत था जो कि बाद में जबरन धर्मपरिवर्तन अथवा प्रताडित होकर खदेड दिया गया। वर्तमान में उनकी प्रतिशतता घटकर मात्र 2:3 प्रतिशत रह गई है। ऐसे में उन परिवारों को भारत में नागरिकता मिलने से उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलेगा।
इस कानून से भारत में रहने वाले अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह बिल भारत में रह रहे या जन्मे हुए मुसलमानों की नागरिकता की पूरी सुरक्षा करता है, लेकिन भारत में अवैध रूप से घुसपैठिए रह रहे हैं उन लोगों की पहचान कर उनकी भारत से वापसी करने में सहायक सिद्ध होगा।
सभा को संबोधित करते हुए संत स्वरूपदास महंत ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम ने कहा कि यह बिल पाकिस्तान के सिन्ध प्रांत से प्रताडित होकर भारत से नागरिकता के लिए गुहार करने वाले हिन्दू समाज के लिए मील का पत्थर साबित होगा। सिन्धी समाज ने पाकिस्तान छोडा है पर अपने धर्म को नहीं छोडा। अपने संबोधन में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में यह बिल ऐतिहासिक होगा।
नृसिंह मंदिर अजमेर के संत श्रीश्याम सुन्दर शरण देवाचार्य, ईश्वरदास महाराज, स्वामी आतमदास, स्वामी सांई अर्जुन राम, स्वामी फतनदास, सत्यनारायण दास महाराज, नारायणदास महाराज, पाठकजी महाराज ने भी संबोधित किया तथा सीएए का स्वागत करते हुए इसे देशहित में महत्वपूर्ण कदम बताया।
रैली में भारत विकास परिषद, सिन्धु सभा, अधिवक्ता परिष्द, भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच, विद्या भारती, हिन्दू जागरण मंच, राष्ट्र सेविका समिति, लघु उद्योग भारती, क्रीडा परिषद, बजरंग दल, विद्यार्थी परिषद, विश्व हिन्दू परिष्द, युवा संगठन, सर्व समाज, संस्कार भारती, सेवा भारती, नवसंवत्सर समारोह समिति, शहीद भगत सिंह नौजवान सभा, श्रीराम नाम महामंत्र पपरिक्रमा समिति, विभिन्न व्यापारिक संघ समेत अनेकानेक संगठनों के सदस्यों ने शिरकत की।
मुसलमानों के खिलाफ नहीं है नागरिकता संशोधन कानून : अजमेर दरगाह दीवान