अजमेर। राजस्थान में अजमेर के हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज एवं सज्जादानशीन दरगाह दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने पुलवामा में किए गए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए अजमेर के सालाना उर्स में पाकिस्तानी जत्थे पर रोक लगाने की मांग की है।
दरगाह दीवान आबेदीन ने आज पत्रकारों को बताया कि उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि पाकिस्तान से राजनयिक संबंध तत्काल समाप्त करते हुए पाकिस्तान उच्चायोग को भारत से लौटने के निर्देश दिए जाएं।
अजमेर में भरने वाले सालाना उर्स में पाक जत्थे पर भी अनिश्चित कालीन रोक लगाई जाए। साथ ही भारतीय सैनिकों को खुली छूट दी जाए ताकि वे पाकिस्तान में घुसकर शरण लिए आतंकवादियों का सफाया कर सकें।
दीवान ने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले पांच वर्षों मे 28 आतंकी हमले देश में कराए हैं और कल के हमले की आईएसआई समर्थित संगठन जैश ए मोहम्मद ने सीधे तौर पर जिम्मेदारी लेकर इसे प्रमाणित किया है।
उन्होंने शहीदों के खून को व्यर्थ नहीं जाने की बात कहते कहा कि भारतीय सेना वहां आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को ध्वस्त करे और देश के गद्दारों को सार्वजनिक स्थानों पर मारकर शहीदों के खून का बदला ले। उन्होंने ख्वाजा साहब का सहारा लेकर धर्म की आड़ में भारत आने वाले पाकिस्तानियों पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है ।
दरगाह दीवान ने बताया कि हमले में शहीदों के परिवारों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा एवं सरकारी नौकरी दिए जाने की मोदी सरकार से मांग की गई है, साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी राज्य के चारों शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी एवं मुआवजा दिए जाने की मांग की है।