अजमेर। अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में चांद रात एक सितंबर से बारह दिनों के लिए कव्वालियों का दौर थम जाएगा।
पूरे साल अजमेर दरगाह शरीफ में कव्वालियों का दौर चलता है जिससे ख्वाजा गरीब नवाज का दरबार गुलजार रहता है। लेकिन चांद रात की सुबह से इस्लामिक नव हिजरी 1441 का आगाज होगा और रात में चांद दिखाई देने पर अजमेर शरीफ में मोहर्रम का भी आगाज होगा। मोहर्रम के मौके पर मिनी उर्स में शिरकत करने हजारों अकीदतमंद अजमेर शरीफ पहुंचेंगे।
खादिमों की संस्था अंजुमन सैयदजादगान के सचिव हाजी सैयद वाहिद हुसैन अंगारा ने बताया कि साल में एकबार मोहर्रम के अवसर पर यह मौका आता है जब मोहर्रम की एक से दस तारीख तक दरगाह शरीफ में कव्वालियों का दौर थम जाता है। गमजदा मुस्लिम संप्रदाय इन दिनों में खुशी का कोई काम नहीं करता है। यही कारण है कि कव्वालियों से पूरे साल गुलजार रहने वाली दरगाह शरीफ इन दिनों में खामोशी की चादर ओढ़ लेती है।
मोहर्रम के मद्देनजर जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने सुरक्षा व्यवस्था के साथ साथ सभी विभागों को आवश्यक व्यवस्था और तैयारी के निर्देश दिए हैं। दरगाह का प्रबंध संभालने वाली दरगाह कमेटी की बैठक भी शनिवार को दरगाह शरीफ के गेस्ट हाउस में आहुत की गई है। बैठक की अध्यक्षता सदर अमीन पठान करेंगे। बैठक में मिनी उर्स में शिरकत करने आने वाले जायरीनों को कायड़ विश्राम स्थली पर ठहराने संबंधी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।