अजमेर। अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 807वें सालाना उर्स के दौरान गुरुवार तड़के साढ़े चार बजे दरगाह शरीफ स्थित जन्नती दरवाजा खोल दिया जिसमें से निकलने वाले जायरीन की होड़ मच गई।
रजब माह के चांद की पुष्टि के लिए आज रात दरगाह कमेटी की हिलाल कमेटी की बैठक होगी जिसमें शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी चांद की शहादत का ऐलान करेंगे जिसके साथ ही 807वें सालाना उर्स की विधिवत शुरुआत हो जाएगी जहां रात्रि में ही दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन की सदारत में उर्स की शाही महफिल होगी।
आज रात चांद नहीं दिखाई देता है तो जन्नती दरवाजे को रात में ही तुरंत बंद कर दिया जाएगा और कल सुबह पुन: अगले छह दिनों के लिए खोल दिया जाएगा। माना जाता है कि जो जायरीन जन्नती दरवाजे से निकलकर ख्वाजा की मजार पर पहुंचकर इबादत करता है उसे जन्नत नसीब होती है। इसी के चलते जन्नती दरवाजे के बाहर लंबी कतार व होड़ का माहौल है।
गौरतलब है कि जन्नती दरवाजा वर्ष में चार बार ख्वाजा साहब के उर्स, ईद, बकरा ईद, तथा ख्वाजा साहब के गुरु उस्मान हारुनी के उर्स के मौके पर ही खोला जाता है। इस दौरान जन्नती दरवाजे से जियारत करने के लिए अकीदतमंद पूरे साल मौके की तलाश में रहते हैं। वर्तमान उर्स मे छह दिनों के लिए जन्नती दरवाजा खोला गया है।