अजमेर। अजमेर जिले के पीसांगन थाने में एक आरोपी के आत्महत्या कर लेने के मामले में थानाधिकारी सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
चोरी के मामले में पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपी मांगीलाल द्वारा सोमवार को थाने में संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर लेने का मामला सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह, एएसआई अमरचंद, हैडकांस्टेबल सुरेन्द्र सिंह, किशनलाल, विजेन्द्र, कांस्टेबल रेखा को निलंबित कर दिया जबकि जांच होने तक थाने के शेष पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।
आरोपी का शव थाने में हवालात के बाथरूम में दरी काट कर बनाई गई रस्सी से लटका मिला। पुलिस के अनुसार मामले में मजिस्ट्रेट जांच की जा रही है। कालेसरा निवासी मांगीलाल को बालाजी मंदिर में चोरी के मामले में हिरासत में लिया गया था।
हिरासत के दौरान सुसाइड मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग
अजमेर बीजेपी देहात जिला अध्यक्ष भगवती प्रसाद सारस्वत ने पीसांगन थाने में पुलिस हिरासत में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामले की उच्च स्तरीय कमेटी से जांच करने की मांग की है।
सारस्वत ने आज यहां कहा कि कालेसरा निवासी मांगीलाल जाट की पीसांगन थाने में हिरासत के दौरान फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला प्रकाश में आया है।
उन्होंने कहा कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा तथा दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
उन्होंने पुलिस एवं सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में पुलिस तंत्र पूरी तरह फेल है और कानून व्यवस्था चौपट होकर रहे गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन में आम लोगों को पुलिस द्वारा न्याय मिलना तो दूर उलटा पुलिस द्वारा किए जा रहे अन्याय पर कांग्रेस सरकार खुली छूट देकर संरक्षण दे रही है।