अजमेर। यातायात पुलिस और नगर निगम की ओर से मंगलवार को व्यस्ततम बाजार मदारगेट क्षेत्र में की गई अतिक्रमण हटाओं कार्रवाई ने शहर में एक नई राजनीतिक बहस छेड दी है। एक दिन पहले अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने और अगले ही दिन फूल माला बेचकर जीवन यापन करने वाले माली जाति के लोगों की थडियों तथा अन्य अतिक्रमण को हटाने की कवायद अमल में लाई गई।
भाजपा से जुडे लोग इसे कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही गरीबों पर गाज की तरह पेश कर रहे हैं वहीं कांग्रेस समर्थक यह कहकर बीजेपी पर ही जिम्मेदारी डाल रहे हैं कि यह कार्रवाई नगर निगम ने की है, निगम में बीजेपी का बोर्ड है जिसके सर्वेसर्वा महापौर धमेन्द्र गहलोत हैं। ऐसे में इसका कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं।
हुआ यूं था कि मंगलवार दोपहर ट्रेफिक इंस्पेक्टर सुनीता गुर्जर के नेतृत्व में पुलिस दल मदारगेट पहुंचा तथा सडक किनारे थडी लगाकर फूल माला बेचने वालों को जबरन हटा दिया। दुकानों के बाहर तक जो व्यवसायी सामान लगाए हुए थे उन्हें भी सख्ती बरतते हुए हटाया गया। कस्तूरबा अस्पताल के बाहर चबूतरे पर माला विक्रेताओं को भी चलता कर दिया गया।
इस कार्रवाई के विरोध में थडी वालों ने मदारगेट पर रास्ता जाम कर दिया। क्षेत्रीय पार्षद भारती श्रीवास्तव ने भी कार्रवाई को गलत करार देते हुए पीडितों के पक्ष में आवाज बुलंद की। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान ट्रेफिक पुलिस इंस्पेक्टर सुनीता गुर्जर से व्यवसाईयों की बहस हो गई।
पुलिस की दबंगई को लेकर कवंडसपुरा और मदारगेट के दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठानों के शटर गिरा दिए। देखते ही देखते बाजार बंद गया। दुकानदारों का कहना था कि यातायात बाधित होने का मुख्य कारण ठेले वाले हैं जो कि बेतरतीब ढंग से यहां वहां खडे हो जाते हैं, इससे जाम लगता है।