अजमेर। अजमेर के क्रिश्चियनगंज इलाके में 14 लाख रुपए के लालच में बूढ़ी मां और दो जवान बेटों को बेरहमी से मौत के घाट उतारने वाले चार हत्यारों को कोर्ट में फंसी की सजा सुनाई है।
सात साल पुराने तिहरे हत्याकांड के मामले में गुरुवार को एससी/एसटी न्यायालय की विशिष्ट न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा ने यह फैसला सुनाया। प्रदेश में संभवत: यह पहला मौका है जब हत्या के मामले में एक साथ चार अभियुक्तों को फांसी सजा सुनाई गई है। खास बात यह है कि चारों अभियुक्त मृतक बड़े बेटे के दोस्त थे। पांचवे नाबालिग आरोपी का मामला अन्य अदालत में विचाराधीन है।
यह है मामला
क्रिश्चियनगंज थाना क्षेत्र के क्रिश्चियन गंज इलाके में यह जघन्य तिहरा हत्याकांड हुआ। 22 नवम्बर 2011 को मृतका नीरू मैक्सवेल की ननद मेरी रोज पत्नी जॉर्ज एस्टिन ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि वह अपने घर में थी, तब पड़ोस की बच्ची ने आकर बताया कि नीरू भाभी के मकान में से बदबू आ रही है। जब वह भाभी के घर गई तो मैन गेट पर कुंदी और हॉल के दरवाजे पर ताला लगा था।
हॉल से बदबूदार पानी दरवाजे के नीचे से बाहर आ रहा था। तब उसने पादरी जोस पोलस को बुला कर थाने में फोन कराया। पुलिस ने आकर ताला तोड़ा तो अंदर देखा कि वृद्धा नीरू की लाश पड़ी थी। पैर प्लास्टिक की पट्टी से बंधे थे।
पास के हॉल में उसके छोटे बेटे मानसिक रोगी प्रमोद की लाश पड़ी थी। दोनों लाशों में कीड़े लग गए और बदबू आ रही थी। बड़ा बेटा निर्मोद लापता था। तब सभी को शक हुआ कि निर्मोद ही अपनी मां और भाई को मारकर पिता के रिटायरमेंट के 14 लाख रुपए और जेवरात लेकर फरार हो गया है।
लेकिन पांचवें दिन 27 सितम्बर को निर्मोद की लाश भी कब्रिस्तान के पास कुएं में मिल गई। उसकी लाश मोटरसाइकिल की चेन से बांधकर कुएं में फेंकी गई थी। तब पुलिस को निर्मोद के दोस्तों पर शक हुआ। पूछताछ में आरोपियों ने गुनाह कबूल लिया।
उन्होंने बताया कि निर्मोद अक्सर एटीएम से पैसे निकलवाता था। कम पढ़ा लिखा होने के कारण वह इस काम में दोस्तों की मदद लेता था। तब उन्हें पता चला कि इस परिवार के बैंक खाते में 14 लाख रुपए हैं। तब दोस्तों ने ही 14 लाख रुपए के लालच में मां-बेटों की हत्या कर दी।
ये हैं चार हत्यारे
1- मीरा स्कूल के पास हिम्मत नगर निवासी डायमंड डिसिल्वा उर्फ सन्नी पुत्र विल्सन साइमन उम्र 21 वर्ष।
2- जेएलएन पीजी क्वार्टर निवासी रूबीन साइमन न्यूटन उर्फ बॉनी पुत्र साइमन न्यूटन उम्र 24 वर्ष
3- क्रिश्चियनगंज निवासी मल्लाकी जोंस पुत्र मोरवीन जोंस 24 वर्ष।
4- इंदिरा कॉलोनी मीरशाहअली निवासी महेश लोट पुत्र ताराचंद 21 वर्ष।
मौत होने तक लटकाया जाए
अदालत ने अभियुक्तों को तब तक फांसी पर लटकाए रखने के आदेश दिए जब तक उनकी मौत न हो जाए। अदालत ने प्रकरण को दुर्लभ से दुर्लभतम माना है। अपने 108 पृष्ठीय विस्तृत फैसले में अदालत ने अभियुक्तों पर 90-90 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।