अहमदाबाद। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक शनिवार को को कर्णावती के सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकार भवन नारनपुरा में प्रारंभ हुई।
बैठक का शुभारंभ राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष प्रो जेपी सिंघल एवं अभा संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। सरस्वती वंदना ममता डीके द्वारा की गई। महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा ने विगत कार्यकारिणी बैठक की कार्यवाही का वाचन किया, जिसका ध्वनि मत से अनुमोदन किया गया। आय-व्यय का लेखा अभा कोषाध्यक्ष संजय कुमार राउत ने प्रस्तुत किया।
इसके उपरांत सभी संबद्ध राज्यों/ विश्वविद्यालय संगठनों द्वारा अपने अपने राज्यों/ विश्वविद्यालय संगठन के कार्यों का वृत्त प्रस्तुत किया। बैठक 31 जनवरी तक चलेगी, जिसमें विगत कार्यों की समीक्षा, आगामी कार्यक्रमों की योजना, शिक्षकीय समस्याओं के साथ ही शिक्षा व शिक्षकों से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार मंथन किया जाएगा।
इस अवसर पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ABRSM समाचार की बेवसाइट का शुभारंभ 31 जनवरी को किया जाएगा। बैठक में सभी राज्यों व विश्वविद्यालयों की सहभागिता हो रही है। गुजरात के सभी अपेक्षित बंधु दो दिन बैठक में शामिल हैं।
बैठक में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो जेपी सिंघल ने नई शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन पर भी विस्तृत विचार व्यक्त किए। आपने विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के सफल क्रियान्वयन के संबंध में आने वाली शंकाओं का समाधान भी किया।
राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने संगठन के विस्तार हेतु संगठन के प्रमुख चार स्थायी कार्यक्रमों कर्तव्य बोध दिवस, वर्ष प्रतिपदा, गुरु पूर्णिमा पर गुरु वंदन कार्यक्रम एवं जनजागरण के कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से पूरे देश में समान रूप से क्रियान्वित करने पर बल दिया। उन्होंने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि 11-12 जून 2021 को कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग शिमला हिमाचल प्रदेश में सम्पन्न होगा। शिमला में ही 12-13 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं साधारण सभा की बैठक भी सम्पन्न होगी।
उन्होंने स्कूली शिक्षकों एवं महाविद्यालयीन शिक्षकों के लिए कुछ बिंदुओं पर आनलाइन अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता आयोजित करने की जानकारी भी दी। आपने विद्यालयों में चल रहे विशेष प्रयोगों की जानकारी एकत्र करने का आग्रह करते हुए कहा कि क्या हम ‘मेरा विद्यालय मेरा तीर्थ’ की अवधारणा को अपने विद्यालयों में लागू कर सकते हैं। बैठक में देश भर से आए हुए शिक्षक प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे।
इसके साथ ही संवर्गश: बैठकें भी पृथक पृथक उच्च शिक्षा संवर्ग, माध्यमिक शिक्षा संवर्ग एवं प्राथमिक संवर्ग की सम्पन्न हुई, जिसमें संवर्गश: समस्याओं पर विचार विमर्श के साथ संगठन को मजबूत बनाने पर भी विचार-विमर्श किया गया।