लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा खाली किये गये सरकारी आवास में दस लाख रूपये के नुकसान का आकलन राज्य संपत्ति विभाग ने किया है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर श्री यादव ने जून में चार विक्रमादित्य मार्ग को खाली कर दिया था। राज्य संपति विभाग ने बंगले में तोडफोड किये जाने की पुष्टि की थी जिसके बाद नुकसान के आकलन के लिये एक समिति का गठन किया गया था।
अधिकृत सूत्रों ने गुरूवार को यहां बताया कि लोनिवि के मुख्य अभियंता ए के शर्मा की अगुवाई में उच्च स्तरीय समित ने बुधवार रात 266 पन्नो की एक रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है जिसमें बंगले में दस लाख रूपये तक सरकारी संपत्ति के नुकसान की बात कही गयी है।
रिपोर्ट के अनुसार बंगले से कई विद्युत उपकरण नदारद मिले जबकि स्नानगृह की फिटिंग, एयरकंडीशनर का स्विच बोर्ड, रसोईघर में लगा सिंक और लान की बेंच भी मौके पर नहीं मिली। जिम,बैडमिंटन कोर्ट और साइकिल ट्रैक भी क्षतिग्रस्त पाये गये।
सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर सपा अध्यक्ष को जल्द ही नोटिस भेजा जायेगा। उन्हें नुकसान की भरपाई करने अथवा कानूनी कार्रवाई का सामना करने के विकल्प दिये जायेंगे। हालांकि नोटिस जारी करने से पहले सरकार विधि विभाग से सलाह लेने पर विचार कर रही है।
लोनिवि का कहना है कि बंगले में कुल 557़ 86 लाख रूपये खर्च किये गये थे जबकि नुकसान करीब दस लाख रूपये का हाे सकता है। इस बीच सपा ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को बदनाम करने का कुप्रयास कर रही है। सपा के विधान पार्षद सुनील सिंह साजन ने कहा “ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में करारी हार के डर से आशंकित भाजपा सपा नेतृत्व को जानबूझकर निशाना बना रही है। ”
साजन ने यूनीवार्ता से कहा कि मीडिया के जरिये राज्य सरकार अखिलेश यादव का अपमान और उन्हे बदनाम कर रही है। श्री यादव को टाेंटी चोर कह कर लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ताक में रखा जा रहा है। पहले स्विमिंग पूल को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया जा रहा था जबकि बंगले में कोई स्विमिंग पूल नही था।
सपा पार्षद ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार इस मामले में खास दिलचस्पी ले रही है। यहां तक कि लखनऊ विकास प्राधिकरण को निर्देश दिये गये हैं कि पार्टी अध्यक्ष के नये आवास के निर्माण के लिये नक्शा पास नही करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भलीभांति जानते है कि विपक्षी एकता के सामने लोकसभा चुनाव मेें उनकी हार तय है और इसी खिसियाहट में सपा नेतृत्व की छवि को खराब करने की साजिश रची जा रही है।
गौरतलब है कि जून् के पहले सप्ताह में उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य के छह मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव,कल्याण सिंह,राजनाथ सिंह, मायावती और नारायण दत्त तिवारी को सरकारी आवास छोड दिये थे।