कोलकाता। बॉलीवुड के सुपर स्टार अक्षय कुमार पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मदद के लिए सक्रिय भूमिका निभाते हुए नजर आयेंगे।
अक्षय रविवार को यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड पर भाजपा की चुनावी रैली के दौरान न केवल मोदी के साथ मंच साझा करेंगे बल्कि वह एक बड़ी चुनावी रैली में शामिल होकर ज्यादा से ज्यादा लोगोें को आकर्षित करेंगे।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने अक्षय को आमंत्रण भेजा था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। इसके मुताबिक सात मार्च को वह कोलकाता में भाजपा की रैली में शामिल होंगे।
भाजपा के राज्य स्तरीय नेता पिछले हफ्तों में काफी व्यस्त रहे हैं और जिलों-जिलों का दौरा कर रहे हैं। वे लोगों से बड़ी संख्या में आने और पूरे परेड ग्राउंड को कवर करने की अपील कर रहे हैं। यह इस महानगर का सबसे बड़ा खुला एवं हरा-भरा मैदान है।
भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और सुवेन्दु अधिकारी सहित भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि मोदी को सुनने के लिए 10 लाख से अधिक लोग इकट्ठा होंगे।
माकपा ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में एक रैली का आयोजन किया था जिसमें पार्टी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा से लड़ने के लिए वाम दलों, कांग्रेस और नये लॉन्च किए गए भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) को मिलाकर एक संयुक्त मोर्चा के गठन की घोषणा की।
अनुभवी अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के भी मोदी की रैली में शामिल होने की खबरें हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अभिनेता का हमेशा स्वागत है लेकिन रैली केवल प्रधानमंत्री और जनता के लिए है।
मिथुन चक्रवर्ती और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में उनके मुंबई स्थित घर पर एक बैठक की थी।
इस बीच, तृणमूल के कद्दावर सांसद रहे दिनेश त्रिवेदी शनिवार को नयी दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए।
नड्डा ने त्रिवेदी का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा, मैं दिनेश त्रिवेदी का भाजपा में स्वागत करता हूं। मैं हमेशा कहता था कि वह गलत पार्टी में सही व्यक्ति थे, लेकिन अब वह सही पार्टी में हैं।
नड्डा ने कहा, दिनेश त्रिवेदी पश्चिम बंगाल चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
पूर्व रेल मंत्री त्रिवेदी, 2019 में तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव हार गए थे। उन्हें भाजपा के अर्जुन सिंह ने हराया था, जो पूर्व में तृणमूल के नेता भी थे। लोकसभा में हार के बाद तृणमूल ने उन्हें राज्यसभा में भेज दिया था जिसकी सदस्यता उन्होंने पिछले महीने छोड़ दिया।