दरभंगा । लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता अली अशरफ फातमी ने पार्टी के सभी पद छोड़ने के बाद आज प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।
फातमी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले दरभंगा और फिर मधुबनी से चुनाव लड़ाने के आश्वासन के बावजूद मुझे टिकट से वंचित कर दिया गया। मैं मंगलवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद इस इंतजार में था राजद के लिए मेरी लंबे समय से चल रही सेवा को ध्यान में रखकर मेरे हित में कोई फैसला आएगा। लेकिन, ऐसा होने की उम्मीद समाप्त होने के बाद मैने अंतत: राजद की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।” उन्होंने कहा कि वे बागी उम्मीदवार के रूप में मधुबनी से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें दरभंगा से उम्मीदवार बनाएगी लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तब पार्टी ने उन्हें विश्वास में लेकर कहा था कि दरभंगा की बजाए उन्हें मधुबनी से टिकट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह अपने समर्थकों के साथ मधुबनी में प्रचार-प्रसार का कार्य भी शुरू कर चुके थे लेकिन बाद में सीटों के तालमेल के तहत मधुबनी लोकसभा सीट मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के खाते में चली गई। वीआईपी ने यहां से पूर्व राजद नेता बद्रीनाथ पूर्वे को टिकट दी है।
फातमी ने कहा, “मैं राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की उम्र से ज्यादा समय से राजनीति कर रहा हूं। राजद छोड़ने के बाद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने खुद मुझे पार्टी से जोड़ा था न कि मैं पार्टी या फिर यादव के पास गया था।” उन्होंने तेजस्वी की कार्यशैली पर सवाल उठाये और कहा कि उन्हें पार्टी ने छह साल के लिए बिना नोटिस दिए निकाला है। वहीं, तेजप्रताप यादव जो रोज पार्टी के खिलाफ बोलते हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।
फातमी ने कल पार्टी के सभी पद छोड़ने के बाद कहा था कि उन्होंने सिर्फ पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया है लेकिन वह राजद में बने रहेंगे। उन्होंने कहा था कि वह 18 अप्रैल तक पार्टी के फैसले का इंतजार करेंगे यदि उन्हें पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया तो वह मधुबनी संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने फातमी के पार्टी के सभी पद से इस्तीफा देने और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा पर दो टूक जबाब देते हुए कहा था कि पार्टी विरोधी काम किया तो छह साल के लिए निकाले जायेंगे। दरभंगा की सीट पर किसी एक की ठेकेदारी नहीं चलेगी। पार्टी फातमी को छह बार टिकट दे चुकी है। पार्टी में और भी लोग हैं। दूसरे लोगो के साथ महागठबंधन को भी देखना जरूरी है।
गौरतलब है कि महागठबंधन के महत्वपूर्ण घटक कांग्रेस के नेता डॉ. शकील अहमद ने भी सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता पद से इस्तीफा देकर मधुबनी से ही निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। डॉ. अहमद का कहना है कि जब झारखंड के चतरा संसदीय सीट पर राजद के साथ दोस्ताना संघर्ष हो सकता है तो मधुबनी में क्यों नहीं।