मुंबई। सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति मुठभेड़ मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने 13 वर्ष बाद शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया।
सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि मुठभेड़ मामले में जो भी साक्ष्य और सबूत पेश किए गए उनमें किसी तरह की साजिश नहीं है।
इस मामले में शुरुआत में कुल 38 आरोपी थे लेकिन मुकदमा शुरू होने से पहले ही कुछ आरोपी नेता और राजपत्रित अधिकारी आरोप मुक्त कर दिए गए थे। बाइस आरोपियों में 21 जूनियर पुलिसकर्मी और एक बाहरी व्यक्ति है, हालांकि अब इस मामले में सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा राजस्थान के तत्कालीन गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख पीसी पांडे और गुजरात पुलिस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डी जी बंजारा शामिल थे। शाह को वर्ष 2014 में आरोप मुक्त कर दिया गया था।
गुजरात पुलिस ने 26 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन शेख, उसकी उसकी पत्नी कौसर बी कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए थे। इसके एक साल बाद 26 दिसंबर 2006 को शेख का अंडरवर्ल्ड साथी तुलसीराम प्रजापति भी गुजरात पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।