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सभी मुख्यमंत्रियों को कोरोना वायरस को हराने के लिए एक राय बनानी होगी - Sabguru News
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सभी मुख्यमंत्रियों को कोरोना वायरस को हराने के लिए एक राय बनानी होगी

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सभी मुख्यमंत्रियों को कोरोना वायरस को हराने के लिए एक राय बनानी होगी
All chief ministers must form an opinion to defeat the coronavirus
All chief ministers must form an opinion to defeat the coronavirus
All chief ministers must form an opinion to defeat the coronavirus

सबगुरु न्यूज। पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस को लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के जो बयान आए हैं वह यह बताते हैं कि उनको अपने-अपने राज्यों की चिंता है। पूरा देश इस समय इस खतरनाक महामारी से जूझ रहा है, अच्छा होता कि सभी मुख्यमंत्री अपने राज्यों के साथ दूसरे राज्यों के बारे में सोचते। कोरोना वायरस संक्रमित के मामले को लेकर कई मुख्यमंत्री तो ऐसे भी हैं अपने राज्य की स्थित दूसरे राज्यों की स्थिति को बेहतर बताने में लगे हुए हैं।

जैसे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुताबिक, राज्य की स्थिति पड़ोसी प्रदेशों से ज्यादा बेहतर है। खट्टर ने कहा कि राज्य में कुल 555 मामले हैं। 289 एक्टिव केस हैं। 260 स्वस्थ हो चुके हैं। कुल मौतों की संख्या 6 है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हमारी स्थिति दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश से बेहतर है, यही नहीं खट्टर ने अपनी राज्य की सीमा को सील कर दिया है ताकि दूसरे राज्यों के लोग नहीं आ सके।

ऐसे ही केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन भी कोरोना वायरस को लेकर अपनी मनमानी चला रहे हैं यह केंद्र सरकार का कोई भी फैसला मानने को तैयार नहीं है। पी विजयन को यह समझना होगा कि यह लड़ाई अकेले राज्य की नहीं बल्कि सामूहिक होनी चाहिए। उसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नंबर आता है इन्होंने कोरोना वायरस से अकेले ही जुड़ने का जैसे ठान रखी है। ममता बनर्जी भी इस महामारी के संकट के दौर में केंद्र सरकार के हर फैसले का खुलकर विरोध करती आ रही हैं। ऐसे ही मजदूरों को ट्रेन से भेजने पर कई राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के निर्णय पर एक राय नहीं बना पा रहे हैं।

कांग्रेस शासित मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के फैसले को दरकिनार कर अपनी चला रहे हैं

कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इसमहामारी के बीच केंद्र सरकार के फैसलों को दरकिनार कर अपनी-अपनी चला रहे हैं। हो सकता है इन मुख्यमंत्रियों की राय कोरोना वायरस से निपटने के लिए अच्छी हो सकती है, लेकिन फिर भी केंद्र सरकार को विश्वास में लेना होगा और एक सामंजस्य भी बैठाना होगा। इसी क्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने स्तर पर लॉकडाउन से निकलने और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की स्ट्रैटजी बनाई है। लेकिन, चिंता इस बात की है कि दिल्ली में बैठे लोग हकीकत जाने बिना कोरोना के जोन तय कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को ऐसे बयान सार्वजनिक नहीं देनी चाहिए।

दूसरी ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आर्थिक राहत पैकेज की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि जब तक बड़ा पैकज नहीं दिया जाता तब तक राज्य और देश कैसे चलेंगे? हमें 10 हजार करोड़ रुपए के रेवेन्यू का नुकसान हुआ है। गहलोत ने कहा कि राज्य लगातार राहत की मांग कर रहे हैं लेकिन, केंद्र सरकार उनकी नहीं सुन रही। ऐसे ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कई राज्य गंभीर आर्थिक संकट झेल रहे हैं। उन्हें तुरंत मदद की जरूरत है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी कहा कि केंद्र सरकार इस महामारी के दौर में उनकी सहायता नहीं कर रही है। अच्छा होता ये मुख्यमंत्री आरोप-प्रत्यारोप लगाने से बेहतर होता देश के बारे में एक सामूहिक राय बनाते।

कांग्रेस के कई नेता लॉकडाउन पर ही सवाल उठा रही है

कांग्रेस पार्टी लगातार केंद्र सरकार को लॉकडाउन को लेकर घेरती चली आ रही है। कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेता केंद्र सरकार के कोरोना वायरस को किए जा रहे इंतजामों से खुश नजर नहीं आ रहे हैं, इसी को लेकर आए दिन कांग्रेसी केंद्र सरकार से सवाल जवाब कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी के नेताओं और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। मीटिंग में कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद के हालातों पर चर्चा की। सोनिया ने सवाल किया कि केंद्र सरकार किस आधार पर तय कर रही है कि लॉकडाउन कितने दिन रहना चाहिए?

सोनिया ने पूछा कि 17 मई को लॉकडाउन का तीसरा फेज खत्म होने के बाद बाद होगा। सोनिया गांधी को समझना होगा कि इस समय देश संकट के दौर से जूझ रहा है। मौजूदा समय में केंद्र सरकार और कांग्रेस को मिलकर सामूहिक रणनीति बनानी होगी तभी देश का भला होगा। दूसरी ओर राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ स्ट्रैटजी में बुजुर्गों, डायबिटीज वालों और दिल के मरीजों की सुरक्षा का खास ध्यान रखने की जरूरत है। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्रियों को भी लॉकडाउन खत्म करने के बारे में सोचना चाहिए। इस बारे में उन्हें केंद्र सरकार से भी पूछना चाहिए कि देश को लॉकडाउन से निकालने की आगे की क्या रणनीति है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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