कोच्चि। प्रवर्तन निदेशालय ने लाइफ मिशन को आवंटित सभी ठेकों पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि इसे आवंटित 36 परियोजनाओं में से 26 का टेंडर दो कंपनियों को दिया गया है। इस घोटाले से सोना तस्करी मामला और प्रमुख आरोपी भी जुड़े हुए हैं।
इन परियोजनाओं के लिए निविदा जारी करने से पहले मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव रहे आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर ने स्वर्ण तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को सभी गोपनीय विवरण सौंप दिए थे।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक ईडी ने प्रधान सत्र न्यायाधीश की अदालत में बुधवार को बताया कि शिवशंकर से हासिल विवरण का इस्तेमाल करते हुए स्वप्ना ने करोड़ों रुपए अर्जित किए।
ईडी के अनुसार ‘लाइफ मिशन प्रोजेक्ट’ के अनुबंध संदिग्ध हैं। पूछताछ के दौरान जेल में स्वप्ना ने कबूल किया है कि रिश्वत के पैसे से शिवशंकर को भी फायदा हुआ था। शिवशंकर ने स्वप्ना को लाइफ मिशन और के-फोन सहित कई परियोजनाओं में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी और इन अनुबंधों के पीछे एक बड़ी साजिश है।
ईडी ने अदालत में दावा किया है कि लाइफ मिशन परियोजना से संबंधित अनियमितताएं अकेले हाउसिंग प्रोजेक्ट तक केंद्रित नहीं हैं। ईडी ने शिवशंकर की जमानत याचिका का विरोध करते हुए उन पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं।