कल एक साधू बाबा मिले,
मैंने पूछा – कैसे हैं बाबाजी.?
बाबाजी बोले – हम तो साधू हैं बेटा….
हमारा “राम” हमें जैसे रखता है हम वैसे ही रहते हैं…..
तुम तो सुखी हो ना बच्चा..?
मैं बोला — हम तो संसारी लोग हैं बाबाजी
हमारी “सीता” हमें जैसे रखती है, हम वैसे ही रहते हैं..।
महिलाओ को ऑक्सीजन की
जरूरत नहीं होती…
वे तारीफ़ो से भी जिन्दा रह
सकती हैं!!
सुबह-सुबह पत्नी नींद से उठते ही बोली, “अजी सुनते हो?”
पति, “बोलो! क्या हुआ?”
पत्नी, “मुझे सपना आया कि आप मेरे लिए हीरों का हार लेकर आए हो।”
पति, ठीक है, तो वापिस सो जा और पहन ले।”