संता और बंता :
जीतो बीमार पति से: जानवर के डॉक्टर को मिलो तब आराम मिलेगा!
संता: वो क्यों?
जीतो: रोज़ सुबह मुर्गे की तरह जल्दी उठ जाते हो, घोड़े की तरह भाग के ऑफिस जाते हो, गधे की तरह दिनभर काम करते हो, घर आकर परिवार पर कुत्ते की तरह भोंकते हो, और रात को खाकर भैंस की तरह सो जाते हो, बेचारा इंसानों का डॉक्टर आपका क्या इलाज करेगा?
संता: जब मेरी नई नई शादी हुई थी तो मुझे
बीवी इतनी प्यारी लगती थी कि मन
करता था खा जाऊं!
बंता: और अब?
.
.
.
.
.
.
.
.
.
संता: खा ही जाता तो अच्छा था!
कभी कभी
मेरे इंटरनेट की स्पीड
इतनी धीमी चलती है
जैसे कोई बन्दा
—
—
—
उदास मन से
अपनी बीवी को
मायके से वापस लाने जा रहा हो !……..