नयी दिल्ली । सरकार ने भ्रष्टाचार से किसी तरह के समझौते नहीं करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए आज लोकसभा में दावा किया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत बिहार सहित सभी राज्यों की सभी पात्र बस्तियां 2019 तक सड़कों से जुड़ जायेंगी।
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राम कृपाल यादव ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने पीएमजीएसवाई के कोर नेटवर्क के तहत पात्र बस्तियों को मार्च 2019 तक सड़कों से जोड़ने का फैसला लिया है, जबकि नक्सल प्रभावित इलाकों में यह लक्ष्य 2020 का है। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण बस्तियों को जोड़ने के लिए राज्यों को पर्याप्त पैसा देगी और बेहतर सड़क का ग्रामीणों का अधूरा सपना पूरा होगा।
यादव ने बिहार में काली सूची में शामिल ठेकेदारों को सड़क निर्माण का ठेका दिये जाने के बारे में ध्यान दिलाये जाने पर कहा, “मोदी सरकार ऐसी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करती है। हम भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करेंगे। हमने लिकेज कम करने में सफलता हासिल की है।”
बिहार के ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण में देरी को लेकर एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा कि 2001 में जब पीएमजीएसवाई योजना शुरू हुई थी तब बाद के चार-पांच साल में बिहार में सड़क निर्माण की गति देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम थी।
तोमर ने कहा कि बिहार में सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण भी एक समस्या थी, क्योंकि वहां जमीन का अभाव है। इसलिए बिहार ग्रामीण सड़क निर्माण के मामले में पिछड़ गया था। दूसरे राज्यों में जहां दूसरे और तीसरे चरण की घोषणा हो चुकी है, वहीं बिहार में अभी पहले चरण की बस्तियों में ही काम पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि पिछली बातों को भूलाकर बिहार इस मामले में भी अब प्रगति कर रहा है।
निर्माण के बाद सड़कों के रखरखाव के संबंध में जद यू सदस्य कौशलेन्द्र कुमार के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यादव ने कहा कि केंद्र सरकार पीएमजीएसवाई के तहत एक बार निर्माण के लिए पैसा देती है, लेकिन सड़कों के रखरखाव का जिम्मा राज्य सरकार का है। इसके लिए 26 राज्यों ने रखरखाव नीति बनायी है।